लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेंगू के मामलों को देखते हुए शनिवार को नोडल अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने और रोकथाम की व्यवस्था की समीक्षा के लिए दोबारा क्षेत्र में जाने के निर्देश दिए। योगी ने कहा कि डेंगू के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। योगी ने इस बात पर जोर दिया है कि अस्पताल में पहुंचने वाले हर मरीज का हर हाल में जरूरी इलाज हो।
उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री ने गोरखपुर जाने से पहले शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर डेंगू की रोकथाम पर एक समीक्षा बैठक की। प्रवक्ता के अनुसार बैठक में योगी ने कहा कि डेंगू के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं, निगरानी गतिविधियां बढ़ाई जाएं और सभी नगर निगमों एवं स्थानीय निकायों द्वारा साफ-सफाई, फॉगिंग, लार्वा रोधी छिड़काव के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू मरीजों के लिए मिशन मोड में डॉक्टरों एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। उनका कहना था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अस्पताल में पहुंचने वाले प्रत्येक मरीज का हर हाल में इलाज हो।
डेंगू का डर दिखाकर परेशान कर रहे विपक्षी दलों के नेता : उत्तर प्रदेश में डेंगू के मामले पर विपक्षी दलों के नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को कहा कि वे डेंगू का डर दिखाकर जनता को बिना मतलब परेशान कर रहे हैं।
शनिवार को यहां अंधऊ हवाई पट्टी पर बलिया जाने के लिए उतरे उपमुख्यमंत्री से जब डेंगू के बढ़ते प्रकोप का हवाला देकर सवाल पूछा तो उन्होंने विपक्षी नेताओं पर सीधा आरोप लगाया कि वे डेंगू का डर दिखाकर जनता को बिना मतलब परेशान कर रहे हैं।
पाठक ने दावा किया कि (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की) सरकार ने डेंगू से निपटने की ऐसी पुख्ता व्यवस्था कर रखी है कि प्रदेश की जनता को डरने की कोई जरूरत नहीं है।
पाठक के पास राज्य में चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा का दायित्व है। सवालों के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तथा कर्मियों को इस बात के लिए 24 घंटे मुस्तैद कर रखा है कि कोई भी व्यक्ति डेंगू से मरने न पाए, इसी से डेंगू नियंत्रण में है।
पाठक ने कहा कि सरकार के मंत्री जिलों में घूम-घूम कर डेंगू से बचाव की व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले माह की तुलना में इस माह डेंगू के मरीजों में काफी कमी आई है। उन्होंने दोहराया कि यह बीमारी पूरी तरह नियंत्रण में है। पाठक ने नसीहत देते हुए कहा कि विपक्षी दल मीडिया के माध्यम से डेंगू का बखान कर जनता को डराने और दुख पहुंचाने से बाज आए।
इधर शनिवार को ही राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने डेंगू के मामले को लेकर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, आंकड़ों को गोल करने में लगा योगी सरकार का प्रशासन। अस्पतालों में भर्ती हुए डेंगू के मरीजों को आंकड़ों से गायब कर दिया गया, शर्मनाक। कोविड काल की तरह डेंगू के दौर में भी जनता को गुमराह कर रही सरकार। डेंगू तो नई बीमारी नहीं, सरकार ने क्यों नहीं की तैयारियां? बताए?
इसके पहले शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के सामने जब शहर में डेंगू का कहर मचने के आरोपों पर राज्य सरकार ने कहा था कि सब कुछ ठीक है तथा न तो दवाइयों और न ही कहीं बेड की कमी है, तब न्यायालय ने अफसोस जताते हुए कहा कि जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने शहर में डेंगू के खतरे को लेकर एक जनहित याचिका पर यह टिप्पणी की। पीठ ने अगली सुनवाई 9 नवंबर को तय की है।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour