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Written By Author गिरीश उपाध्‍याय
Last Modified: शुक्रवार, 2 जनवरी 2015 (12:53 IST)

टीकाकरण पर चाहिए माननीय का ध्यान

टीकाकरण पर चाहिए माननीय का ध्यान - Vaccination
मध्यप्रदेश के 12 मंत्रियों के गृह जिलों में बच्चों के पूर्ण टीकाकरण का औसत प्रदेश के औसत से भी कम है। मंत्रियों की यह संख्या राज्य मंत्रिमंडल की आधी है। मुख्यमंत्री सहित बाकी 12 मंत्रियों के गृह जिलों में यह औसत प्रदेश के औसत से अधिक है। इनमें भी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन और स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन के गृह जिलों इंदौर, बालाघाट और उज्जैन की स्थिति अन्य मंत्रियों की तुलना में बेहतर है। 
 
वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एएचएस) 2013 की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में 12 से 23 माह की आयु के बच्चों के पूर्ण टीकाकरण का औसत 66.4 प्रतिशत है, जबकि इंदौर जिले में यह 85.5 प्रतिशत, बालाघाट में 82.5 और उज्जैन में 81.1 प्रतिशत है। जिन मंत्रियों के गृह जिलों में पूर्ण टीकाकरण का औसत 75 प्रतिशत से अधिक है उनमें मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान (सीहोर 77.6) के अलावा महिला बाल विकास मंत्री मायासिंह (ग्वालियर 76.3) शामिल हैं। 
 
70 प्रतिशत से अधिक औसत वाले जिलों में राज्य मंत्री दीपक जोशी का जिला देवास (74.1) गृह एवं जेल मंत्री बाबूलाल गौर व उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता का जिला भोपाल (71.9) सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लालसिंह आर्य का गृह जिला भिंड (71.3) और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा राज्य मंत्री शरद जैन का गृह जिला जबलपुर (70.5) शामिल है। 
 
जिन 12 मंत्रियों के जिलों में संपूर्ण टीकाकरण की स्थिति प्रदेश के औसत से भी कम हैं उनमें सर्वश्री विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया, नरोत्तम मिश्रा, राजेंद्र शुक्ल, गोपाल भार्गव, भूपेंद्रसिंह, गौरीशंकर शेजवार, रामपालसिंह, सुरेंद्र पटवा, जयंत मलैया, ज्ञानसिंह और कुसुम मेहदेले शामिल हैं। ये मंत्री प्रदेश के नौ जिलों खंडवा, शिवपुरी, दतिया, रीवा, सागर, रायसेन, दमोह, उमरिया और पन्ना का प्रतिनिधित्व करते हैं। 
 
सबसे दयनीय स्थिति विधि, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व पशुपालन मंत्री कुसुम मेहदेले के जिले की है। मेहदेले प्रदेश में महिला एवं बाल विकास मंत्री भी रह चुकी हैं। उनके गृह जिले पन्ना में बच्चों के पूर्ण टीकाकरण का प्रतिशत 38.4 ही है। उनके बाद आदिम एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ज्ञानसिंह का गृह जिला उमरिया आता है जहां यह प्रतिशत सिर्फ 40.8 है। 
 
वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत मलैया के गृह जिले दमोह में यह प्रतिशत 42.4 है। सागर संभाग के ही सागर जिले से प्रदेश में दो मंत्री हैं। ये हैं पंचायत, ग्रामीण विकास एवं सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव और परिवहन, विज्ञान एवं तकनीक तथा जन शिकायत निवारण मंत्री भूपेंद्रसिंह। इन दोनों के ही गृह जिले सागर में पूर्ण टीकाकरण का प्रतिशत 55 ही है।
 
इसी तरह प्रदेश का रायसेन जिला एकमात्र ऐसा जिला है, जिसे मंत्रिमंडल में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व प्राप्त है। यहां से तीन मंत्री हैं इनमें दो केबिनेट मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार और रामपालसिंह तथा एक राज्यमंत्री सुरेन्द्र पटवा शामिल हैं। तीन-तीन मंत्री होने के बावजूद टीकाकरण के मामले में रायसेन जिले की स्थिति कोई बहुत अच्छी नहीं है। यहां पूर्ण टीकाकरण का औसत 53.2 ही है। 
 
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार अन्य मंत्रियों में श्रम एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अंतरसिंह आर्य के जिले बड़वानी में औसतन 68.3 प्रतिशत, लोकनिर्माण मंत्री सरताजसिंह के जिले होशंगाबाद में 67.4 प्रतिशत, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री विजय शाह के जिले खंडवा में 64.5 प्रतिशत और उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री यशोधराराजे सिंधिया के जिले शिवपुरी में 64.3 प्रतिशत बच्चों में ही पूर्ण टीकाकरण पाया गया। स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्र के गृह जिले दतिया में पूर्ण टीकाकरण का प्रतिशत 63.5 ही है जबकि उर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल के गृह जिले रीवा में पूर्ण टीकाकरण का औसत 61.1 प्रतिशत है। 
 
ये आंकड़े बताते हैं कि मंत्रियों के गृह जिलों में ही टीकाकरण का लक्ष्य पूरी तरह प्राप्त नहीं हो पा रहा है। मंत्रिगण यदि पूर्ण टीकाकरण को लेकर और अधिक सक्रिय हों तो उनके जिलों के हालात बदल सकते हैं और उसके साथ ही पूरे प्रदेश के भी।