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Last Updated : शनिवार, 21 जुलाई 2018 (12:34 IST)

उत्तराखंड में बारिश का कहर, बादल फटने की आशंका

उत्तराखंड में बारिश का कहर, बादल फटने की आशंका | uttarakhand rain alert
देहरादून। मौसम विभाग ने आज उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी के साथ बादल फटने का अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड में लगातर हो रही तेज बारिश के कारण आम जनजीवन ठप हो गया है। लोग पहले से ही मुसिबत में है और उस पर अब मौसम विभाग के अलर्ट ने चिंता पैदा कर दी है। मौसम विभाग का मानना है कि प्रदेश में बादल फटने के भी आसार हैं, ऐसे में किसी भी प्रकार की तबाही से बचने के लिए लोगों से अलर्ट रहने की अपील की है।
 
 
खराब मौसम ने मानसरोवर यात्रियों की भी मुसीबत बढ़ा दी है। यात्रियों को पिथौरागढ़ से गूंजी तक ले जाने में हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। 
 
 
मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने शुक्रवार को जानकारी दी कि शनिवार यानी 21 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट और 22 तारीख के लिए खतरे के रेड अलर्ट के माध्यम से चेतावनी जारी कर दी गई है। बारिश का ये क्रम लगातार 7 से 8 दिन तक चल सकता है।
 
 
बिक्रम सिंह ने कलर कोड के बारे में बताया कि हम छोटी घटनाओं के लिए येलो अलर्ट जारी करते हैं, वहीं बड़ी घटनाओं के मद्देनजर ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है। लेकिन रेड अलर्ट का मतलब भारी से बहुत भारी बारिश और उसके परिणामस्वरूप बड़े खतरे और नुकसान होने के आसार होते हैं।
 
 
मौसम विभाग मुताबिक इस दौरान कई जगह भूस्खलन की घटनाएं होंगी, जिसकी वजह से रास्ते भी बंद होंगे। प्रदेश के शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बच्चों के अनुपस्थित रहने पर भी बच्चों की अनुपस्थिति न लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ये भी साफ कर दिया है कि अगर बहुत भारी बारिश हो रही हो तो अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल न भेजें।
 
 
देहरादून में तेज बरसात के बाद सड़कों पर पानी भर गया है। तेज बारिश के बाद बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 को बंद कर दिया गया है। वहीं, लामबगड़ में सड़क का 70 मीटर हिस्से के बह जाने के कारण यातायात पर ब्रेक लग गया है। उत्तराखंड के हल्द्वानी में भी तेज बरसात के बाद जनजीवन प्रभावित हुआ है। रिहायशी इलाकों में बारिश के पानी का सैलाब उमड़ पड़ा है।
 
 
शुक्रवार को उत्तराखंड में चमोली जिले की जोशीमठ तहसील के सीमांत क्षेत्र में भारी बारिश के दौरान भूस्खलन का मलबा सड़क किनारे बने एक टिन शेड पर गिर गया। इससे उसमें रहने वाले 2 मजदूरों और 2 बच्चों की मौत हो गई। मृतकों में एक महिला मजदूर और उसका डेढ साल का पुत्र भी शामिल है। इस हादसे का शिकार हुए मजदूर नेपाली हैं।
 
 
मृतकों की पहचान 36 वर्षीय तुलसी देवी और उसके डेढ़ साल के पुत्र सुनील के रूप में हुई है जबकि 36 वर्षीय गोपाल और दो वर्षीय गौरव की तलाश जारी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया है और जिला प्रशासन के अधिकारियों को बीआरओ के संपर्क में रहते हुए राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
 
 
भारी बारिश और बादल फटने के कारण इस जुम्मा गांव के समीप तमक गधेरे में भी बाढ़ आयी है जिससे जोशीमठ मलारी सीमान्त सड़क का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के साथ कुछ आवासीय मकान भी मलबे की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हुए हैं। उधर ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़ में मलबा आने से यातायात अवरूद्ध हो गया है और तीर्थयात्री मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। (एजेंसी)
 
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