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Last Updated : शनिवार, 1 जनवरी 2022 (01:00 IST)

उत्तराखंड मंत्रिमंडल में बुजुर्ग और विधवा पेंशन बढ़ाने पर बनी सहमति

उत्तराखंड मंत्रिमंडल में बुजुर्ग और विधवा पेंशन बढ़ाने पर बनी सहमति - Uttarakhand cabinet agreed to increase elderly and widow pension
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में बुजुर्ग और विधवा पेंशन 1200 से बढ़ाकर 1400 रुपए करने समेत प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।

इस कैबिनेट बैठक में बुजुर्ग और विधवा पेंशन को 1200 से बढ़ाकर 1400 रुपए करने का फैसला लिया गया है।पीआरडी कर्मियों के आंदोलन के हल खोजने के लिए भी मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे मामले में भी निर्णय लेने को मुख्यमंत्री अधिकृत हुए हैं।

योग प्रशिक्षकों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखने का निर्णय लिया गया है।महिला अतिथि शिक्षकों को मातृ अवकाश देने पर सहमति भी कैबिनेट ने दी है।अतिथि शिक्षकों को गृह जनपद में ही प्राथमिकता देने की बात पर सहमति हुई।

हरीश रावत ने उत्तराखंड सरकार पर जमकर किए प्रहार : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के मुखिया हरीश रावत नए साल में पहले दिन गांधी प्रतिमा पर राज्य के तमाम मुद्दों को लेकर उपवास करेंगे।साल के अंतिम दिन उन्होंने शुक्रवार को साल की अपनी अंतिम प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेरोजगारी बढ़ने, कुशासन, भ्रष्टाचार, खनन की लूट और दलित उत्पीड़न आदि मुद्दे लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर प्रहार किए।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी का दंश दिया है। वहीं कोविड कुप्रबंधन ने देश व प्रदेश में कई प्रियजनों को खोया है तथा हरिद्वार में कोविड जांच के नाम पर भाजपा के नेताओं के नाम आने से पूरा राज्य शर्मिन्दा हुआ है।

हरीश रावत ने खनन में राज्य सरकार की लूट के मुद्दे को उठाते हुए भी कहा कि इस लूट ने भी मुख्यमंत्री को खनन प्रेमी के रूप में स्थापित करते हुए हम सबकी छवि को खराब किया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हल्द्वानी यात्रा पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई अधिकतम घोषणाएं कांग्रेस नीत यूपीए सरकार की देन हैं।

उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि पांच वर्ष तक सोने वाली सरकारों को चुनाव के मौके पर इन योजनाओं की याद आना जनता समझती है। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी को 2000 करोड़ की सौगात की घोषणा करने के बाद योजनाओं का जिक्र करना भूलना भी आश्चर्यजनक है।

प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल ने भाजपा सरकार पर आजीविका योजना बंद करने, 400 कर्मचारियों को दो माह से वेतन न मिलने के मुद्दे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे, राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की मांग, पीआरडी जवानों की लंबित मांगों, उत्तराखंड सचिवालय संघ के कर्मचारियों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मियों, राजस्व निरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं सेवक संघ की मांगों के साथ ही बेरोजगार हुए फार्मासिस्टों, रोडवेज कर्मचारियों, जल निगम कर्मचारियों तथा बीपीएड, एमपीएड बेरोजगारों की समस्याओं पर भाजपा सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया तथा उन्हें आन्दोलन के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर किया।
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