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Last Updated : शुक्रवार, 19 जुलाई 2019 (00:47 IST)

हिजाब पहनकर हनुमान चालीसा पढ़ने गईं इशरत जहां को जान से मारने की धमकी

हिजाब पहनकर हनुमान चालीसा पढ़ने गईं इशरत जहां को जान से मारने की धमकी - Threat to BJP leader Ishrat Jahan
कोलकाता। उच्चतम न्यायालय में तीन तलाक मामले में याचिका दायर करने वाली इशरत जहां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए अपने संबधियों एवं समुदाय के लोगों पर आरोप लगाया कि उसे हनुमान चालीसा पाठ में भाग लेने पर धमकाया गया और उसके साथ गाली-गलौज की गई।
 
हावड़ा में गोलाबाड़ी पुलिस में दर्ज शिकायत में उन्होंने अपने करीबी रिश्तेदार और मकान मालिक पर उनके आवासीय इलाके में होने वाले धार्मिक कार्यक्रम में हिजाब में हिस्सा लेने को लेकर उसे धमकी देने और उसके साथ गाली-गलौज करने का आरोप लगाया।
 
इशरत ने दावा किया कि वे बुधवार को अपने बेटे के स्कूल से घर लौट रही थीं तभी गोलाबाड़ी इलाके के सैकड़ों स्थानीय निवासियों ने पाठ में भाग लेने के लिए उसे घेर लिया और धमकाया।
 
गोलाबाड़ी पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि हमने शिकायत की जांच शुरू कर दी है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने बताया कि इशरत ने कहा है कि उनकी जान को खतरा है और उन्होंने पुलिस से सुरक्षा मांगी है।
 
इशरत ने पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में कहा कि मैं यह कहना चाहती हूं कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रह रहे हैं और किसी भी पवित्र उत्सव में भाग लेना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। मैंने अपने देश के अच्छे नागरिक के तौर पर अपना कर्तव्य निभाया है। मैं एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक हूं, हालांकि इस कारण मुझे अपने परिवार के सदस्यों से जान का खतरा है।  
 
इशरत ने यह भी दावा किया कि उसके करीबी रिश्तेदार और मकान मालिक ने उसे घर से बाहर निकालने की धमकी दी है। शिकायत में कहा गया है कि मेरे रिश्तेदार और मकान मालिक ने मुझे घर से निकालने की धमकी देना शुरू कर दिया है। उन्होंने मुझे बुरी गालियां दीं और मुझे जान से मारने की धमकी दी।  
 
इस घिनौने प्रकरण के बारे में एक टीवी चैनल पर गुरुवार को बोलते हुए इशरत ने अपने इलाके में दूसरी आस्था के सामुदायिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने का बचाव किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अवसरों पर भी मैं खुशियां साझा करती हूं।  
 
उन्होंने कहा कि यह (हनुमान चालीसा पाठ) किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं था बल्कि एक सामुदायिक कार्यक्रम था। मुझे नहीं लगता कि इसमें हिस्सा लेना कोई गलत काम है, क्योंकि दूसरे आस्था के लोग भी हमारे धार्मिक जलसों में हिस्सा लेते हैं।
 
इशरत ने अरोप लगाया कि उन्हें परेशान किए जाने का मकसद घर और इलाके से बाहर निकालना है, क्योंकि उन्होंने एक बार में तीन तलाक के दुरुपयोग को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी है। धर्म के कथित ठेकेदारों को चुनौती देते हुए इशरत ने कहा कि तीन तलाक के हजारों पीड़ितों की मदद के लिए वे आगे क्यों नहीं आते हैं?  
 
इशरत की 14 साल की बेटी और 8 साल का बेटा है। वे एक बार में तीन तलाक देने के खिलाफ मामले की 5 याचिकाकर्ताओं में से एक हैं। उच्चतम न्यायालय ने 22 अगस्त 2017 को फौरी तीन तलाक की प्रथा को खत्म कर दिया।
 
इशरत के पति ने 2014 में दुबई से फोन पर लगातार तीन बार 'तलाक' कहकर उनके साथ रिश्ता खत्म कर लिया था जिसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय का रुख किया। उनको केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से समर्थन मिला। पिछले साल वे भाजपा में शामिल हो गई थीं।
 
इशरत को कथित रूप से परेशान किए जाने की आलोचना करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हर साल ईद के मौके पर लाल सड़क पर नमाज अता करती हैं तो यह ठीक है, लेकिन इशरत हनुमान चालीसा पाठ कार्यक्रम में हिस्सा लेती हैं तो उन्हें सजा क्यों मिलती है?  
 
इशरत के करीबी रिश्तेदार और मकान मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने और उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की मांग करते हुए घोष ने कहा कि इस मामले में महिला अधिकार और मानवाधिकार का हनन किया जा रहा है। (भाषा)