महंत नरेंद्र गिरि महाराज के निधन पर हरिद्वार के संतों में शोक
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं प्रयागराज बाघम्बरी पीठ के पीठाधीश्वर महंत नरेंद्र गिरि महाराज के निधन पर हरिद्वार के संतों में शोक की लहर है। निरंजनी अखाड़े के सचिव एवं मां मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने उनके निधन को संत समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। संतों ने महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच की मांग की है।
संतों का कहना है कि नरेंद्र गिरि ने हाल ही में हरिद्वार आने की बात कही थी, वो आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते।स्वामी अवधेशानंद, स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण समेत सभी संत उनके निधन से शोक में हैं। कुंभ के दौरान उनके अपने एक शिष्य आनन्द गिरि से विवाद सुर्ख़ियों में रहा था।
नरेंद्र गिरि ने आनन्द गिरि को अखाड़ा परिषद तथा मठ बाघम्बरी गद्दी के पदाधिकारी के पद से निष्कासित कर दिया था। तब दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी लगाये थे।साधु-संत भी इस मामले में महंत नरेंद्र गिरि के समर्थन में आ गए थे। तब नरेंद्र गिरि ने कहा था कि आनंद गिरि माफी मांगे, तब उनके बारे में कुछ सोचा जा सकता है। इसके बाद में आनंद गिरि ने माफी मांग ली थी।
फर्जी ई-पास बनाकर केदारनाथ गए तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग से लौटाया : चारधाम यात्रा खोले जाने के बाद फर्जी ई-पास बनाकर श्रद्धालु केदारनाथ आते पकड़े गए हैं। इसकी भनक लगने पर इन यात्रियों को पकड़कर पुलिस अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही की जा रही है।इन दिनों केदारनाथ के बेसकैंप बने सोनप्रयाग में चैकिंग के दौरान पुलिस ने ऐसे 18 यात्रियों को पकड़ा और उन पर कार्यवाही करते हुए वापस लौटा दिया।
हाईकोर्ट की ओर से चारधाम यात्रा पर रोक हटाए जाने के साथ ही कोविड नियमों के तहत यात्रा का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं। हर दिन देश के विभिन्न राज्यों से भगवान केदारनाथ के दरबार में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इन श्रद्धालुओं के पास ई-पास होने पर ही इन्हें आगे भेजा जा रहा है।
तिथि के अनुसार ही श्रद्धालु केदारनाथ की यात्रा कर रहे हैं, मगर कुछ श्रद्धालु ऐसे भी हैं, जो ई-पास को फर्जी तरीके से बनाकर यात्रा पर आ रहे हैं। ऐसे ही 18 यात्रियों द्वारा गलत ई-पास दिखाने पर पुलिस ने इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सोनप्रयाग से वापस लौटा दिया है।
शुरुआती दो दिनों में अब तक कुल 1500 के करीब यात्रियों द्वारा बाबा केदारनाथ के दर्शन किए जा चुके हैं। यात्री अपने निर्धारित ई-पास तथा साथ में लाए जाने वाले दस्तावेजों सहित आ रहे हैं, लेकिन कुछ श्रद्धालु ऐसे भी हैं, जिनके द्वारा दिखाए जा रहे ई-पास में उनसे संबंधित डाटा गलत पाया जा रहा है और जनपद पुलिस के पास उपलब्ध केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की सूची में भी उनके नाम नहीं हैं तथा इनके द्वारा सोनप्रयाग बैरियर पर गलत ई-पास दिखाते हुए आगे जाने की जिद की जा रही है।
फर्जी ई-पास लाकर यात्रा करने के मामले सामने आने के बाद अब देवस्थानम बोर्ड से जिन लोगों के ई-पास जारी हो रहे हैं, उनकी लिस्ट मंगवाई जा रही है और हर चेक पोस्ट पर उस लिस्ट को देखकर यात्रियों के आने पर वेरीफाई किया जा रहा है। केदारनाथ में एक दिन में 800 लोगों को दर्शन करने की अनुमति है।