चेन्नई। तमिलनाडु ने चक्रवाती तूफान 'वरदा' से हुए जान-माल के व्यापक नुकसान से भरपाई के लिए केंद्र सरकार से 1,000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की मांग की है।
मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर लोगों को तत्काल राहत और पुनर्वास मुहैया करने के लिए 1,000 करोड़ रुपए की मांग की है। उन्होंने केंद्र सरकार से 'वरदा' से हुए नुकसान का जायजा करने के लिए एक टीम को राज्य में भेजने का आग्रह किया।
पत्र की प्रतियां मीडिया के लिए भी जारी की गई हैं। पत्र में राज्य सरकार ने कहा है कि चक्रवात प्रभावित इलाकों में शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के साथ-साथ राज्य सरकार की तरफ से राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए तत्काल उपाय करने की जरूरत है।
पनीरसेल्वम ने कहा कि चक्रवात के कारण विभिन्न बुनियादी ढांचों और संपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है जिसका विस्तृत मूल्यांकन करने में 2 से 3 दिनों तक का समय लगेगा। मूल्यांकन के बाद राज्य सरकार केंद्र को विस्तृत ज्ञापन सौंपेगी।
उन्होंने कहा कि इस बीच राहत और बचाव कार्यों की तत्काल जरूरत को देखते हुए मोदी से एक केंद्रीय दल राज्य के दौरे पर भेजने और 1,000 करोड़ रुपए तुरंत जारी किए जाने की अपील की गई है।
उन्होंने कहा कि 'वरदा' से राज्य के उत्तरी जिलों चेन्नई, तिरुवल्लुर और कांचीपुरम में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है जबकि वेल्लोर, तिरुवन्नामलाई और धर्मापुरी में भी व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ है। चक्रवाती तूफान से राज्य में 16 लोगों की मौत हुई है। लगभग 12 हजार पेड़ उखड़ गए, व्यापक स्तर पर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं और बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग की 10 दिसंबर की सूचना पर राज्य सरकार हरकत में आई और आवश्यक एहतियाती कदम उठाए गए जिससे नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सका।
राज्य सरकार की तरफ से पुलिस, दमकल, राजस्व, पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, लोक निर्माण विभाग, तमिलनाडु उत्पादन और वितरण निगम लिमिटेड, ग्रामीण विकास, नगर निगम प्रशासन और जल आपूर्ति और सभी स्थानीय निकायों के अधिकारियों और टीमों को लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल की अतिरिकत बलों की मांग करते हुए केंद्रीय बलों की तुरंत तैनाती के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि राज्य के निचले इलाकों के 15 हजार लोगों को 104 विभिन्न राहत कैंपों में रखा गया है, जहां उन्हें पानी, भोजन, चिकित्सा और अन्य जरूरी चीजें मुहैया करई जा रही हैं। (वार्ता)