महाराष्ट्र में चौथी कक्षा की पुस्तकों से हटा शिवाजी का इतिहास, बवाल
पुणे। विधान सभा चुनाव से कुछ दिन पहले महाराष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड (MIEB) की चौथी कक्षा की पुस्तकों से छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास हटाए जाने से विवाद पैदा हो गया है। इस कदम को लेकर शिक्षा विभाग की आलोचना हो रही है।
वहीं महाराष्ट्र राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (MSCERT) ने इस विवाद के लिए ‘गलतफहमी’ को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पाठ्यक्रम से शिवाजी महाराज को हटाने का कोई प्रयत्न नहीं किया गया है।
पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने गुरुवार को कहा कि एमआईईबी के पाठ्यक्रम में कक्षा चार तक अलग पाठ्यक्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि चार साल पहले अस्तित्व में आए बोर्ड के अंतर्गत इतिहास, भूगोल और विज्ञान जैसे अलग-अलग विषय कक्षा पांच से शुरू किए जायेंगे।
मीडिया में आई खबर के अनुसार शिवाजी के जीवन और उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं को एमआईईबी की कक्षा 4 की पुस्तकों से निकाल दिया गया है।
एमएससीईआरटी के उप निदेशक विकास गारद ने कहा कि इस विषय पर कुछ गलतफहमी रही और अधूरी जानकारी दी गई। राज्य बोर्ड के पाठ्यक्रम से छत्रपति शिवाजी को हटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि एमआईईबी ने हाल ही में 81 स्कूल शुरू किए हैं।
उन्होंने कहा कि इतिहास विषय कक्षा पांच से शुरू किया जाएगा, जिसमें प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास पर जोर दिया जाएगा। कक्षा छह से शिवाजी महाराज का विस्तृत इतिहास पढ़ाने की योजना है।
महाराष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना तावड़े के शिक्षा मंत्री रहने के दौरान की गई थी। उन्होंने कहा कि यदि आप कक्षा छह की पुस्तकों को देखेंगे तो आपको छत्रपति शिवाजी महाराज की उपलब्धियों का उल्लेख मिलेगा।