पारिवारिक कलह के बाद बाबा आमटे की पोती ने आत्महत्या की
चंद्रपुर। सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आमटे की पोती शीतल आमटे-कराजगी ने महाराष्ट्र के वरोरा में सोमवार को कथित रूप से आत्महत्या कर ली। शीतल आमटे के पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
शीतल (39) ने यह कदम ऐसे समय में उठाया जब हाल में उनके और आमटे परिवार के अन्य सदस्यों के बीच बाबा आमटे द्वारा स्थापित समाजसेवा संगठन महारोगी सेवा समितिके प्रबंधन को लेकर विवाद सार्वजनिक हो गया था। रेमन मैग्सेसे और पद्मविभूषण से सम्मानित बाबा आमटे का 2008 में निधन हो गया था।
पुलिस ने उन खबरों पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है, जिनमें कहा गया है कि शीतल ने जहर का टीका लगाकर कथित रूप से आत्महत्या की। उनके शव को पोस्टपार्टम के लिए वरोरा से चंद्रपुर ले जाया गया।
सूत्रों ने बताया कि नागपुर से फॉरेंसिक विशेषज्ञों का एक दल वरोरा गया है और आनंदवन में उस कक्ष को सील कर दिया गया है, जहां शीतल का शव मिला था।
बाबा आमटे के बेटों विकास और प्रकाश एवं बहुओं भारती और मंदाकिनी ने शीतल (विकास की बेटी) द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से लगाए गए आरोपों पर हाल में स्पष्टीकरण जारी किया था। शीतल समिति की सीईओ थीं।
विकास, प्रकाश, भारती और मंदाकिनी ने स्पष्टीकरण दिया था, महारोगी सेवा समिति, वरोरा देश में अग्रणी समाज सेवा संगठन है। इसने वंचितों के विकास को दिशा एवं प्रेरणा दी। लाखों सामाजिक कार्यकर्ताओं को यहां प्रशिक्षण दिया गया। आमटे परिवार की तीन पीढ़ियां इस कार्य में जुटी हैं।
उन्होंने कहा था कि शीतल गौतम कराजगी (शीतल विकास आमटे) ने हमारे संगठन के कार्यों में योगदान दिया, लेकिन वे मानसिक तनाव एवं अवसाद से जूझ रही हैं। अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर ये बात स्वीकार करते समय, उन्होंने महारोगी सेवा समिति के कार्य, न्यासियों और कर्मियों के बारे में अनुचित बयान दिए।
आमटे परिवार ने कहा था कि उनकी सभी टिप्पणियां निराधार हैं। आमटे परिवार शीतल के आरोपों के कारण पैदा हो सकने वाली गलतफहमियों को रोकने के लिए आपसी विचार-विमर्श के बाद यह बयान जारी कर रहा है। (भाषा)