मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Sanjay Raut accused of conspiracy to topple Maharashtra government
Written By
Last Updated : बुधवार, 9 फ़रवरी 2022 (16:32 IST)

राउत का महाराष्ट्र सरकार को गिराने की साजिश का आरोप, उपराष्ट्रपति को लिखा पत्र

राउत का महाराष्ट्र सरकार को गिराने की साजिश का आरोप, उपराष्ट्रपति को लिखा पत्र - Sanjay Raut accused of conspiracy to topple Maharashtra government
मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को लिखे एक पत्र में दावा किया है कि उनसे कुछ लोगों ने संपर्क कर महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराने में सहायता करने के लिए कहा था ताकि राज्य को मध्यावधि चुनाव के लिए मजबूर किया जा सके।

 
राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी और कहा कि वह झुकेंगे नहीं और सच बोलना जारी रखेंगे। उन्होंने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को गिराने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
 
राज्यसभा के सभापति नायडू को लिखे पत्र में राउत ने कहा कि अपनी पुरानी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद जब शिवसेना ने महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई तब से ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां शिवसेना के नेताओं को सुनियोजित रूप से निशाना बना रही हैं।
 
राउत ने नायडू से सत्ता के दुरुपयोग और राज्यसभा सदस्यों को कथित तौर पर परेशान किए जाने के विषय पर ध्यान देने का अनुरोध किया और कहा कि उपराष्ट्रपति को इस संबंध में कार्रवाई करनी चाहिए। राज्यसभा सदस्य ने यह भी कहा कि वह डरे नहीं हैं और न झुकेंगे तथा सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह सच बोलना जारी रखेंगे।
 
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने मंगलवार को नायडू को पत्र लिखा और इसकी प्रतियां कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार जैसे नेताओं को भी भेजीं। राउत ने बुधवार को दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्र सिर्फ एक ट्रेलर है और वह इस बात का पर्दाफाश करेंगे कि कैसे ईडी के (कुछ) कर्मी कथित तौर पर भाजपा का आपराधिक सिंडिकेट चला रहे हैं।

 
राउत ने पत्र में आरोप लगाया कि करीब 1 महीने पहले कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क किया और कहा गया कि महाराष्ट्र में राज्य सरकार को गिराने में उनकी सहायता करें। वे चाहते थे कि मैं इस तरह के प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाऊं ताकि राज्य को मध्यावधि चुनाव के लिए मजबूर किया जा सके।
 
राउत ने आगे कहा कि उन्होंने गुप्त एजेंडे का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया। शिवसेना नेता ने दावा किया कि उन्हें यहां तक कहा गया कि उनका हाल एक पूर्व रेलमंत्री की तरह हो सकता है जिन्हें कई साल जेल में गुजारने पड़े। राउत ने कहा कि मुझे यह चेतावनी दी गई कि राज्य के सभी महत्वपूर्ण नेताओं को जेल में भेजे जाने के साथ मेरे अलावा महाराष्ट्र कैबिनेट में 2 अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को भी पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून) के तहत सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा जिससे महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं।
 
राउत ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून 17 जनवरी, 2003 को प्रभावी हुआ। लेकिन उस तारीख से पहले हुए लेन-देन को लेकर या जिनका मनी लॉन्ड्रिंग से कोई लेना-देना नहीं था, उस मामले में भी केंद्रीय एजेंसियां परेशान करने के छिपे एजेंडे से जांच कर रही हैं और भाजपा के राजनीतिक विरोधियों को आतंकित कर रही हैं।
 
उन्होंने कहा कि ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए किया जा रहा है, जो निश्चित रूप से किसी भी ऐसे देश के लिए स्वस्थ संकेत नहीं है जहां लोकतंत्र कायम है। राउत ने ईडी पर आरोप लगाया कि एजेंसी ने करीब 17 साल पहले और 2012-13 में उन्हें और उनके परिवार को जमीन बेचने वाले लोगों को उनके खिलाफ बयान जारी करने के लिए धमकाया।
 
शिवसेना नेता ने कहा कि उनकी बेटी के विवाह समारोह में शामिल डेकोरेटर और अन्य विक्रेताओं को भी धमकाया जा रहा था ताकि उनका यह बयान लिया जा सके कि उन्हें राउत से 50 लाख रुपए नकद मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी और अन्य एजेंसियों ने अब तक इस संबंध में 28 लोगों को गैरकानूनी तरीके से पकड़ा है।
 
राउत ने नायडू को लिखे पत्र में कहा कि मैं आपसे राज्यसभा के सदस्यों को डराने और प्रताड़ित करने के इरादे से सत्ता के दुरुपयोग पर न केवल ध्यान देने का आग्रह करता हूं, बल्कि इस संबंध में कुछ कहने और कार्रवाई करने का भी आग्रह करता हूं। दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं की आवाज को अब आपातकाल के समय की तुलना में अधिक गंभीर तरीके से दबाया जा रहा है।
 
महाराष्ट्र सरकार गिराने की पेशकश करने वाले लोगों के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि वह निकट भविष्य में इसके बारे में बात करेंगे, लेकिन दावा किया कि यह दिल्ली और मुंबई के नेताओं की मिलिभगत है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुंबई में दो-तीन लोग ईडी को आदेश जारी कर रहे थे कि किसे तलब किया जाए या प्रताड़ित किया जाए।
 
राउत ने कहा कि मैं (भाजपा नेता) देवेंद्र फडणवीस से अपील करता हूं और उन्हें पता है कि मैं क्या कहना चाहता है। बाद में बिना किसी का नाम लिए राउत ने यह भी कहा कि अगर हम आपसे से भिड़ गए तो आप नागपुर नहीं जा पाओगे। उन्होंने कहा कि ईडी इसकी कीमत चुकाएगा और मैं देश और एजेंसी की प्रतिष्ठा के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।
 
गौरतलब है कि नागपुर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस का गृहनगर है। राउत ने यह भी कहा कि पिछले साल दादरा और नगर हवेली लोकसभा उपचुनाव जीतने के बाद से शिवसेना को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना भविष्य में विस्तार करेगी और लोकसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।