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  4. Remarriage of widow of road accident victim cannot be a reason for denial of compensation, says Bombay High Court
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Last Modified: शनिवार, 1 अप्रैल 2023 (18:23 IST)

सड़क हादसे के पीड़ित की विधवा का पुनर्विवाह मुआवज़े से इनकार का कारण नहीं हो सकता : बंबई हाईकोर्ट

Bombay High Court
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि सड़क हादसे में अपने पति को खोने वाली महिला अगर दूसरी शादी कर लेती है तो इस कारण से उसे मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवाज़ा देने से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसी के साथ अदालत ने बीमा कंपनी की याचिका खारिज कर दी।

इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। एमएसीटी ने कंपनी को उस महिला को मुआवजा देने का निर्देश दिया था, जिसके पति की 2010 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

न्यायमूर्ति एसजी डिगे की एकल पीठ ने तीन मार्च को कंपनी की अपील का निपटारा कर दिया। इसका विस्तृत आदेश हाल में उपलब्ध हुआ था। कंपनी के वकील ने दावा किया था कि मृतक गणेश की पत्नी ने उसकी मौत के बाद दोबारा शादी कर ली है, लिहाज़ा वह मुआवज़े की हकदार नहीं है।

अदालत ने कहा कि किसी को यह अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए कि अपने पति की मौत का मुआवज़ा लेने के लिए वह विधवा के तौर पर जिंदगी गुजारेगी। अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड से ऐसा प्रतीत होता है कि पति की मृत्यु के समय महिला की उम्र केवल 19 वर्ष थी। अदालत ने कहा कि हादसे में जान गंवाने वाले शख्स की पत्नी होना ही उसके लिए मुआवज़ा पाने का पर्याप्त आधार है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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