पुणे पुलिस ने सरकारी अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय तावड़े, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और डॉ. तावड़े के अधीन काम करने वाले अतुल घाटकाम्बले को कार दुर्घटना मामले में गिरफ्तार किया है।
पुणे में 19 मई की सुबह तेज गति से जा रही पोर्श कार की टक्कर लगने से दो IT पेशेवरों की मौत हो गई थी। यह कार 17 वर्षीय नाबालिग चला रहा था। पुलिस का दावा है कि जिस समय हादसा हुआ, उस समय किशोर नशे में था।
किशोर को शुरुआत में किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दे दी थी और उसे सड़क दुर्घटनाओं पर एक निबंध लिखने के लिए भी कहा था लेकिन उसके साथ नरमी बरते जाने पर हुई आलोचना और पुलिस द्वारा पुनरीक्षण याचिका दायर किए जाने के बाद उसे पांच जून तक हिरासत केंद्र में भेज दिया गया।
ऐसी खबरें हैं कि वडगांव शेरी से राकांपा विधायक टिंगरे ने यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप किया था कि पुलिस किशोर के साथ अनुकूल व्यवहार करे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि टिंगरे पुलिस थाने आए थे, लेकिन यह कहना उचित नहीं होगा कि इसके कारण पुलिस की जांच प्रभावित हुई।
राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ को पिछले साल लिखा गया टिंगरे का पत्र अब सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें उन्होंने पुणे के सरकारी अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक के पद के लिए डॉ. तावड़े के नाम की सिफारिश की थी।
टिंगरे ने 26 दिसंबर, 2023 को लिखे पत्र में कहा था कि वह डॉ. तावड़े को जानते हैं। उन्होंने कहा था कि डॉ. तावड़े पहले अधीक्षक के रूप में काम कर चुके है और कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने अपने कर्तव्यों का अच्छी तरह से निर्वहन किया था।
पत्र में कहा गया है कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि तावड़े को चिकित्सा अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार देने पर विचार करें। पत्र में मुश्रीफ की हस्तलिखित टिप्पणी भी थी जिसमें ससून अस्पताल के डीन को डॉ. तावड़े को अतिरिक्त प्रभार देने का निर्देश दिया गया था।
मुश्रीफ की टिप्पणी में उल्लेख किया गया है कि नियमानुसार इस पद के लिए प्रोफेसर रैंक के व्यक्ति पर विचार किया जाना चाहिए और (तत्कालीन) वर्तमान चिकित्सा अधीक्षक मानदंडों को पूरा नहीं करते।
मामले पर क्या बोले सुनील टिंगरे : विधायक टिंगरे ने एक बयान में दावा किया कि सिफारिश पत्र को लेकर मामले को अलग रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि होने के नाते मुझसे कई लोग स्कूल में प्रवेश, चिकित्सकीय उपचार और नौकरी स्थानांतरण जैसे विभिन्न कारणों से सिफारिश पत्र के लिए संपर्क करते हैं। प्रत्येक अनुशंसा पत्र में एक नोट संलग्न होता है कि नियमों के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए और अनुरोध उचित होने पर ही संबंधित विभाग कार्रवाई करता है।
टिंगरे ने कहा कि इस मामले को अलग मोड़ देना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मुझे न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है और मेरा मानना है कि जांच के बाद चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।
edited by : Nrapendra Gupta