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Last Modified: सोमवार, 17 मई 2021 (07:16 IST)

कोविड हॉस्पिटल का उद्घाटन करने पहुंचे CM खट्टर के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, लाठीचार्ज में 50 से ज्यादा घायल

कोविड हॉस्पिटल का उद्घाटन करने पहुंचे CM खट्टर के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, लाठीचार्ज में 50 से ज्यादा घायल - Protesting Farmers Baton Charged At Haryana Chief Ministers Hisar Event
हिसार। पुलिस ने रविवार को किसानों के उस समूह को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और बल प्रयोग किया जो उस स्थान की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहा था, जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर एक कोविड ​​अस्पताल का उद्घाटन करने आए थे। इस दौरान हुई झड़प में कई व्यक्ति घायल हो गए।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने यहां 500 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल का उद्घाटन किया और प्रदर्शन के हिंसक होने से पहले ही कार्यक्रम स्थल से चले गए।
 
पुलिस ने कहा कि किसानों को कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले रोक दिया गया। पुलिस ने कहा कि किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
 
किसानों ने जहां दावा किया कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें उनमें से 50 से अधिक घायल हो गए, वहीं एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि इस दौरान एक डीएसपी और 5 महिला पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने दावा किया कि कुछ किसानों ने उन पर तब पथराव किया जब उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के पांच वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
 
यह घटना तब हुई जब केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने खट्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए रामायण टोल प्लाजा से हिसार की ओर बढ़ना शुरू किया, जहां वह 500-बिस्तर वाले कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने वाले थे।
पुलिस ने महिलाओं समेत कुछ आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने दावा किया कि वे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बाधा डालने के लिए अस्पताल की ओर बढ़ रहे थे।
 
हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने कहा कि मैं उन पुलिसकर्मियों द्वारा प्रदर्शित किए गए धैर्य और बहादुरी की सराहना करता हूं, जिन्होंने अनियंत्रित भीड़ का सामना किया और हिसार में उद्घाटन किए गए नये संजीवनी कोविड अस्पताल को नुकसान से बचाया है। उन्होंने कहा कि घायल पुलिस कर्मियों में से प्रत्येक को उनके आहार और चिकित्सा जरूरतों के लिए 5,000 रुपए दिए जाएंगे।
 
बाद में शाम में किसान नेताओं ने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने के लिए सहमत होने के बाद वे हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सोमवार को तहसील और जिलास्तर पर विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे।
 
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि किसानों और पुलिस प्रशासन के बीच समझौता हो गया है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में विरोध कार्यक्रम नहीं होगा। हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा किया जा रहा है। किसान नवंबर के अंत से केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और राज्य में भाजपा-जजपा गठबंधन के नेताओं के सार्वजनिक कार्यों का विरोध कर रहे हैं।
 
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रदर्शनकारियों पर ‘क्रूर हमले’ की निंदा की। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एक नहर के पुल पर लगाये गए बैरिकेड तोड़ दिए और उन्हें नहर में फेंक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने डीएसपी अभिमन्यु लोहान पर हमला बोल दिया। प्रवक्ता ने कहा कि इसके बाद कुछ प्रदर्शनकारी जिंदल मॉडर्न स्कूल स्थित चौधरी देवीलाल संजीवनी अस्पताल परिसर में घुसने लगे।
 
प्रवक्ता ने बताया कि इस स्थान पर शरारती तत्वों ने पुलिसकर्मियों के ऊपर एक ट्रैक्टर चढ़ाने का भी प्रयास किया, जिसमें कुछ लोग घायल हो गये। उन्होंने कहा कि शरारती तत्वों ने पुलिस के पांच वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
 
उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से, अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम के समापन के बाद भी, उन्होंने उस परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की, जहां आज कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि उनमें से कई का इरादा बड़े पैमाने पर हिंसा करने का था।
 
कथित लाठीचार्ज का विरोध करने के लिए हरियाणा भाकियू प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसानों ने केएमपी एक्सप्रेसवे और पीपली में एनएच-44 सहित कई राजमार्गों को दो घंटे तक अवरुद्ध किया। घटना के बाद उन्होंने जींद-पटियाला, जींद-चंडीगढ़, जींद-रोहतक और हिसार-चंडीगढ़ राजमार्ग भी जाम किया। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने किसानों के खिलाफ बल प्रयोग की निंदा की।
 
उन्होंने एक बयान में कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने के बजाय, भाजपा-जजपा सरकार किसानों पर लाठियां बरसा रही है।  उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और उसे पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति में अस्पताल का उद्घाटन किया, और कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करके उन्हें ‘‘जोखिम’’ में डाला।
 
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पुलिस कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘किसानों की पगड़ी खून से लाल हो गई।  उन्होंने कहा कि किसानों पर ‘ऐसी क्रूरता’ करके, ‘खट्टर सरकार का जनरल डायर चेहरा उजागर हो गया है। ’इनेलो के वरिष्ठ अभय सिंह चौटाला ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज निंदनीय है। (भाषा)
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