कश्मीरी पंडित की हत्या पर बवाल, विरोध प्रदर्शनों के बीच हुआ राहुल भट्ट का अंतिम संस्कार
जम्मू। बडगाम जिले के चाडूरा में गुरुवार शाम को आतंकियों ने तहसील कार्यालय में घुसकर जिस कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या कर दी थी, शुक्रवार सुबह बनतालाब में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर जम्मू के एडीजीपी मुकेश सिंह, डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार और डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा भी मौजूद रही। मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना को विरोध का सामना करना पड़ा।
राहुल पर होने वाले हमले में शामिल दोनों आतंकी पिस्तौल से गोलियां बरसाकर फरार हो गए। हमले के बाद आतंकियों का पता लगाने के लिए पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
दरअसल राहुल भट्ट अपना तबादला कराना चाहते थे। उनकी अर्जी मंजूर नहीं हुई थी। उनके पिता बिट्टा जी भट्ट का कहना है कि उनका बेटा कश्मीर में काफी वर्षों से तैनात था। उसके तबादले के लिए मैंने बडगाम के जिला आयुक्त को पत्र लिखकर अपील की थी। इसके बावजूद तबादला नहीं हुआ और अब आतंकियों उसकी हत्या कर दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल की हत्या के लिए सरकार जिम्मेदार है। राहुल भट्ट को 2010 में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कश्मीर में नौकरी मिली थी। वह अपनी पत्नी व छह वर्षीय बेटी उसके साथ कश्मीर में ही रहे थे।
घटना के बाद सभी विस्थापितों की कालोनी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई।
बडगाम के शेखपोरा के साथ ही अनंतनाग के वेसू तथा उत्तरी कश्मीर में रह रहे कर्मचारियों की कालोनी के बाहर सुरक्षा घेरा मजबूत करने के साथ ही गश्त भी बढ़ा दी गई है।
संबंधित प्रशासन का कहना है कि विस्थापितों से मिलकर उन्हें आश्वस्त किया गया है कि उनकी सुरक्षा के मुकम्मल प्रबंध किए गए हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। पर इस सबके बावजूद इस हत्याकांड के विरोध में पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।