प्रद्युम्न हत्याकांड में गुरुग्राम पुलिस की मुश्किलें बढ़ी
गुरुग्राम। गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के दूसरी कक्षा के छात्र की हत्या के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा 16 वर्षीय छात्र के पकडे जाने के बाद बस कंडक्टर अशोक कुमार के परिवार ने उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने का निर्णय किया है जिन्होंने उसे फंसाया था। छात्र की हत्या के मामले में शुरू में पुलिस ने अशोक को गिरफ्तार किया था।
अशोक के पिता अमीरचंद ने बताया, 'यह अब लगभग स्पष्ट हो चुका है कि मेरे बेटे अशोक को फंसाया गया और बलि का बकरा बनाया गया। हमने गुरुग्राम पुलिस के विशेष जांच दल के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराने का निर्णय किया है।
अमीरचंद ने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों ने उसे फंसाया और मीडिया के समक्ष अपराध स्वीकार करने के लिए टार्चर किया तथा नशे का डोज दिया। उनके परिवार ने केस दर्ज करने के लिए गांव वालों से आर्थिक सहायता मांगी है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने हत्या के सिलसिले में स्कूल के 11 वीं कक्षा के छात्र को पकड़ा है और कहा है कि बस कंडक्टर अशोक कुमार के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
इस मामले में पुलिस का कहना है कि उसकी जांच किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची थी। केस में मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर कंडक्टर को पकड़ा गया था। कंडक्टर ने जो बताया उसका साक्ष्यों से मिलान किया गया। इसके बाद शक की सूई उसी पर गई। पूछताछ में उसने गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने किसी भी तरह के दबाव से इनकार किया है।
विपक्षी दल ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर पुलिस जांच में नाकामी के लिए हमला बोला है। पूर्ववर्ती हुडा सरकार के मंत्री अजय यादव ने तीन डीसीपी तथा विशेष जांच दल के सदस्यों के खिलाफ गहन जांच की मांग की है जिसने गरीब कंडक्टर को बलि का बकरा बनाया था।