तिरुवनंतपुरम। केरल में हालिया राजनीतिक हिंसा और आरएसएस के एक कार्यकर्ता की हत्या की पृष्ठभूमि में राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सोमवार को राज्य में भाजपा-आरएसएस के नेताओं के साथ बैठक आयोजित की।
मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई इस बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं विधायक ओ. राजगोपाल और आरएसएस के नेता पी. गोपालनकुट्टी हिस्सा ले रहे हैं। माकपा के प्रदेश सचिव कोडिएरी बालकृष्णन भी इस बैठक में हैं।
जब मुख्यमंत्री बैठक स्थल पर पहुंचे तो वहां टीवी कर्मियों का एक समूह बैठक से पहले ही वीडियो फुटेज लेने के लिए मौजूद था। मुख्यमंत्री ने उन्हें वहां से जाने के लिए कह दिया। रविवार को केरल के राज्यपाल पी सदाशिवम ने मुख्यमंत्री और डीजीपी लोकनाथ बेहरा को इस घटना के सिलसिले में तलब किया था।
मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वे राज्य में भाजपा और आरएसएस के नेताओं से मिलेंगे। विजयन और डीजीपी ने राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात की। राजभवन ने उन्हें 34 वर्षीय राजेश की 29 जुलाई को की गई हत्या समेत हालिया हिंसक घटनाओं के बाद कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए तलब किया था।
राज्य में हाल में भाजपा-आरएसएस और माकपा के कार्यकर्ताओं की संलिप्तता वाली हिंसक घटनाएं होती रही हैं। यहां पिछले कुछ दिनों में प्रतिद्वंद्वी पार्टी के सदस्यों के मकानों पर हमले होते रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश कार्यालय में 28 जुलाई को तोड़फोड़ की गई थी जबकि माकपा के प्रदेश सचिव कोडिएरी बालकृष्णन के बेटे बिनेश कोडिएरी के मकान पर पथराव भी किया गया। राजेश को शनिवार को एक हिस्ट्रीशीटर के नेतृत्व वाले गिरोह ने मार डाला था। उनका बायां हाथ काट दिया गया था और उनके शरीर पर कई घाव थे।
भाजपा ने इस घटना के विरोध में रविवार को राज्यभर में सुबह से शाम तक की हड़ताल आहूत की थी। पुलिस ने कहा था कि आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में आरोपी हिस्ट्रीशीटर माणिकंदन समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री से बात कर केरल में राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर होने वाले हमलों को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में राजनीतिक हिंसा अस्वीकार्य है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन ने आरोप लगाया कि हमले के पीछे माकपा का हाथ है, वहीं माकपा के जिला नेतृत्व ने कहा है कि हमले में पार्टी का कोई हाथ नहीं है। माकपा के प्रदेश सचिव कोडिएरी बालकृष्णन ने कहा है कि आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या की वजह निजी दुश्मनी है और उनकी पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है।
राजशेखरन ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी माकपा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को मिटाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने माकपा से हिंसा से दूर रहने को कहा। विपक्षी कांग्रेस ने रविवार को हिंसा की राजनीति के खिलाफ कोझीकोड में अनशन किया।
कोट्टायम में भाजपा की जिला इकाई ने आरोप लगाया कि माकपा कार्यकर्ताओं ने आरएसएस के जिला कार्यालय पर पेट्रोल बम फेंका जिसकी वजह से तिरुनाक्कारा स्थित भवन को काफी नुकसान पहुंचा। उन्होंने शहर में संघ-भाजपा दफ्तरों की सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा पर्याप्त इंतजाम नहीं किए जाने को लेकर भी उसकी आलोचना की है।
रविवार को केरल के राज्यपाल पी. सदाशिवम ने मुख्यमंत्री और डीजीपी लोकनाथ बेहरा को इस घटना के सिलसिले में बुलाया था। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वे राज्य में भाजपा और आरएसएस के नेताओं से मिलेंगे।
विजयन और डीजीपी ने राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात की। राजभवन ने उन्हें 34 वर्षीय राजेश की 29 जुलाई को की गई हत्या समेत हालिया हिंसक घटनाओं के बाद कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए तलब किया था।
राज्य में हाल में भाजपा-आरएसएस और माकपा के कार्यकर्ताओं की संलिप्तता वाली हिंसक घटनाएं होती रही हैं। यहां पिछले कुछ दिनों में प्रतिद्वंद्वी पार्टी के सदस्यों के मकानों पर हमले होते रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश कार्यालय में 28 जुलाई को तोड़फोड़ की गई थी जबकि माकपा के प्रदेश सचिव कोडिएरी बालकृष्णन के बेटे बिनेश कोडिएरी के मकान पर पथराव भी किया गया। राजेश को शनिवार को एक हिस्ट्रीशीटर के नेतृत्व वाले गिरोह ने मार डाला था। उनका बायां हाथ काट दिया गया था और उनके शरीर पर कई घाव थे।
भाजपा ने इस घटना के विरोध में रविवार को राज्यभर में सुबह से शाम तक की हड़ताल बुलाई थी। पुलिस ने कहा था कि आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में आरोपी हिस्ट्रीशीटर माणिकंदन समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री से बात कर केरल में राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर होने वाले हमलों को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में राजनीतिक हिंसा अस्वीकार्य है। (भाषा)