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Last Modified: मुंबई , शुक्रवार, 20 जनवरी 2017 (21:48 IST)

स्कॉटलैंड यार्ड ने कहा- दाभोलकर, पानसरे मामलों में मदद नहीं कर सकते

Narendra Dabholkar
मुंबई। बंंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह नरेन्द्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या से जुड़े मामलों की जांच की सुस्त रफ्तार से बहुत अप्रसन्न है जबकि सीबीआई ने अदालत को सूचित किया कि स्कॉटलैंड यार्ड ने फॉरेंसिक जांच में मदद देने से इस आधार पर इंकार कर दिया है कि भारत और ब्रिटेन के बीच ऐसी जानकारी साझा करने का कोई समझौता नहीं है।

 
सीबीआई ने 3 तर्कवादियों दाभोलकर, पानसरे और एमएम कलबुर्गी की हत्या से जुड़े बैलिस्टिक साक्ष्य पर अहमदाबाद फॉरेंसिक लेबोरेटरी की सीलबंद लिफाफे में फॉरेंरिसक रिपोर्ट भी जमा की। यह तीसरी ऐसी रिपोर्ट है, 2 अन्य रिपोर्ट मुंबई और बेंगलुरु प्रयोगशालाओं की हैं।
 
दाभोलकर की हत्या की जांच करने वाली सीबीआई और पानसरे की हत्या की जांच कर रही राज्य सीआईडी एसआईटी ने भी इन दोनों मामलों की जांच में हुई प्रगति पर अलग-अलग रिपोर्ट सीलबंद लिफाफों में पेश की।
 
न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला की एक पीठ ने कहा कि हत्या की जांच की सुस्त रफ्तार से वह बेहद अप्रसन्न है। पीठ ने साथ ही कहा कि पुणे और कोल्हापुर की निचली अदालतों में चल रहे क्रमश: दाभोलकर और पानसरे हत्या मामलों की सुनवाई में भी कोई प्रगति नहीं हुई है।
 
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मारे गए 2 तर्कवादियों के परिजनों की ओर से दायर याचिका की सुनवाई कर रही पीठ को बताया कि स्कॉटलैंड यार्ड ने हमें लिखित में सूचित किया है कि फॉरेंसिक डेटा साझा करने के लिए दोनों देशों के बीच कोई कानूनी समझौता नहीं है इसलिए वह इन हत्या मामलों की फॉरेंसिक जांच करने में मदद नहीं करेगा। 
 
सीबीआई ने पहले अदालत को बताया था कि स्कॉटलैंड यार्ड को फॉरेंसिक सबूत भेजे गए थे ताकि उसकी राय ली जा सके कि महाराष्ट्र में दाभोलकर और पानसरे तथा कर्नाटक में एक अन्य तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की हत्या में समान हथियार इस्तेमाल किए गए थे? न्यायाधीशों ने रिपोर्टों पर गौर किया और जांच एजेंसियों को अंतरवस्तु का मीडिया सहित किसी से खुलासा करने के खिलाफ आगाह किया, क्योंकि जांच अभी चल रही है।
 
एसआईटी के वकील अशोक मुंडर्गी ने कहा कि पानसरे की हत्या मामले में जांच अभी चल रही है। हमने 2 फरार संदिग्धों की पहचान कर ली है। आरोप पत्र दायर कर दिए गए हैं और हम आगे जांच कर रहे हैं। दोनों एजेंसियों की ओर से आगे की जांच करने के लिए 8 सप्ताह का समय मांगने संबंधी अर्जी पर पीठ ने मामले की सुनवाई 20 मार्च तक स्थगित कर दी।
 
दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में हत्या हुई थी जबकि पानसरे की 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी 20 फरवरी को मौत हो गई थी। प्रोफेसर कलबुर्गी की 30 अगस्त 2015 को हत्या कर दी गई थी। दाभोलकर और पानसरे के परिवार के सदस्यों ने जांच मामलों में प्रगति नहीं होने पर फिर से अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की। (भाषा)
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