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Last Updated : सोमवार, 31 अक्टूबर 2022 (19:08 IST)

नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के दोषी मौलाना को 20 साल की कैद

नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के दोषी मौलाना को 20 साल की कैद - Maulana jailed for 20 years for sexually abusing minor girl
मुंबई। एक विशेष अदालत ने यहां 8 वर्षीय छात्रा के यौन शोषण के आरोपी मौलाना को दोषी ठहराते हुए कहा कि शिक्षक से संरक्षक के तौर पर काम करने की उम्मीद की जाती है। पीड़ित छात्रा आरोपी मौलाना के घर कुरान पढ़ने जाती थी। विशेष न्यायाधीश सीमा जाधव ने 20 अक्टूबर को आरोपी को दोषी ठहराया और उसे 20 साल कैद की सजा सुनाई।
 
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई के लिए नामित विशेष न्यायाधीश सीमा जाधव ने 20 अक्टूबर को आरोपी को दोषी ठहराया और उसे 20 साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने आरोपी की इस दलील को भी मानने से इंकार कर दिया कि उसे धार्मिक दुश्मनी के कारण मामले में झूठा फंसाया गया था।
 
आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 एबी (12 साल से कम उम्र की लड़की पर यौन हमला) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी पाया गया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता 8 साल की बच्ची है। आरोपी कोई साधारण आदमी नहीं बल्कि शिक्षक था। अन्य व्यवसायों को प्रभावित करने वाला एकमात्र पेशा शिक्षण है। इसमें भावी पीढ़ियों के लाभ के लिए युवाओं के भविष्य को प्रभावित करने की शक्ति है।
 
अदालत ने कहा कि शिक्षक से संरक्षक के रूप में कार्य करने की अपेक्षा की जाती है। आरोपी के इस तरह के जघन्य कृत्यों का पीड़ित पर आजीवन मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव रहेगा। उसने (आरोपी ने) 8 साल की छोटी बच्ची को शिकार बनाया है और उसके जीवन पर एक स्थायी दुष्प्रभाव छोड़ा है।
 
अदालत ने आगे कहा कि आरोपी ने अपराध तब किया था, जब बच्ची ने अभी-अभी समझना और अपना जीवन जीना शुरू किया था। उसने कहा कि भरोसे के आदमी द्वारा इस तरह का अपराध बच्चे के जीवन को सकारात्मक रूप से देखने के नजरिए को बदल देता है इसलिए आरोपी किसी भी रियायत का हकदार नहीं है।
 
अदालत ने अपने फैसले में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कोफी अन्नान के एक उद्धरण का उल्लेख करते हुए कहा कि 'महिलाओं के खिलाफ हिंसा शायद सबसे शर्मनाक मानवाधिकार उल्लंघन है और यह शायद सबसे व्यापक है। इसकी कोई भौगोलिक, सांस्कृतिक या आर्थिक सीमा नहीं है। यह जब तक जारी रहेगा, हम समानता, विकास और शांति की दिशा में वास्तविक प्रगति करने का दावा नहीं कर सकते।'
 
शिकायत के अनुसार पीड़िता का परिवार और आरोपी उपनगर कुर्ला में एक ही इमारत में रहते थे। पीड़िता रोज आरोपी के घर अरबी में कुरान पढ़ने जाती थी। शिकायत के मुताबिक 6 मई 2019 को जब पीड़िता पढ़ने के लिए गई थी तो आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे इस बारे में किसी से बात करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। घर लौटने पर बच्ची ने बाद में अपनी मां को इस बारे में बताया जिसके बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
 
आरोपी ने दावा किया था कि यह धार्मिक दुश्मनी के कारण पीड़ित परिवार द्वारा दायर किया गया एक झूठा मामला था, क्योंकि वे सुन्नी संप्रदाय से संबंधित हैं जबकि वह देवबंदी संप्रदाय से है। उसने आगे आरोप लगाया कि पीड़िता और उसके परिवार के सदस्य बांग्लादेश से अवैध अप्रवासी थे। अदालत ने हालांकि आरोपी के इन तर्कों को स्वीकार करने से इंकार कर दिया और कहा कि पीड़िता का जन्म पश्चिम बंगाल में हुआ था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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