देश में पहली बार बिजली कटौती की अफवाह फैलाने पर राजद्रोह का केस दर्ज, एक गिरफ्तार
भोपाल। बिजली कटौती को लेकर लोगों के गुस्से के चलते मध्यप्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की सरकार भी परेशान है। सरकार जान बूझकर बिजली कटौती में शामिल होने वालों और बिजली कटौती की अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कदम उठा रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में।
यहां सोशल मीडिया बिजली कटौती की अफवाह फैलाने के आरोप में पुलिस ने एक शख्स पर गिरफ्तार करते हुए उस पर राजद्रोह का केस लगा दिया है। हालांकि आलोचना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामला वापस लेने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस ने राजनांदगांव के डोगरगढ़ थाना इलाके के मुसरा गांव में रहने वाले मांगेलाल अग्रवाल को जानबूझकर बिजली कटौती की अफवाह फैलाने पर विदुयत मंडल की शिकायत पर राजद्रोह की धारा लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया है।
मांगेलाल अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर बिजली कटौती को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार पर इन्वर्टर कंपनी से पैसा लेने का आरोप लगाया गया था। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन ने इसे प्रदेश सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने और जानबूझकर सरकार की छवि खराब करने की बात कहते हुए मांगेलाल को गिरफ्तार कर लिया है।
वायरल वीडियो में मांगीलाल ने आरोप लगाया था कि भूपेश सरकार ने इन्वर्टर कंपनियों से पैसा लिया है और इसलिए बार बार लाइट काटी जा रही है जिससे लोग अधिक से अधिक इन्वर्टर खरीदें। मांगेलाल ने छत्तीसगढ़ के साथ साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी बिजली कटौती को लेकर सवाल उठाया है। बिजली कटौती को लेकर किसी भी व्यक्ति के खिलाफ राजद्रोह का केस छत्तीसगढ़ में पहला मामला होने के साथ साथ संभवत: देश का भी पहला मामला है। वहीं भाजपा ने इसे आपातकाल बताया है तो कांग्रेस ने कार्रवाई को सही ठहराया है।
आलोचना के बाद मामला वापस लेने निर्देश : देशव्यापी आलोचना के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली कटौती को लेकर सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो के आधार पर राज्य के राजनांदगांव जिले में एक व्यक्ति के खिलाफ राजद्रोह के दर्ज मामले पर पुलिस महानिदेशक से नाराजगी जताई है और मामले को वापस लेने का निर्देश दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बघेल ने समाचार माध्यमों के राजनांदगांव जिले में एक व्यक्ति मांगेलाल अग्रवाल के खिलाफ राज्य विद्युत कम्पनी के द्वारा 125 ए एवं 505/1/2 के तहत दर्ज करवाए गए मामले की जानकारी होने पर शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी से चर्चा की और अप्रसन्नता व्यक्त की। बघेल ने यहां एक बयान भी जारी किया, जिसमें कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के वह प्रबल पक्षधर हैं।