महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे बनेंगे विधान पार्षद
मुंबई। महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नाम राज्यपाल के कोटा से राज्य विधान परिषद के सदस्य के रूप में सिफारिश करने का फैसला किया।
मंत्रिमंडल की बैठक में फैसले के समय ठाकरे मौजूद नहीं थे। वर्तमान में ठाकरे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव से पहले विधान पार्षद राहुल नार्वेकर और राम वडकुटे के राकांपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद विधान परिषद में राज्यपाल के कोटे से दो सीटें खाली हैं।
इन दोनों रिक्त सीटों का कार्यकाल मध्य जून तक है। महाराष्ट्र के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने बताया कि राज्यपाल के कोटे से विधान पार्षद के तौर पर ठाकरे के नाम की सिफारिश का फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में हुआ। उन्होंने कहा कि राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से दो रिक्त सीटों में से एक पर उद्धव ठाकरे को नियुक्त करने का आग्रह किया गया है।
राज्य सचिवालय में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में ठाकरे उपस्थित नहीं थे। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि ठाकरे को बैठक में शिरकत नहीं करने की सलाह दी गई थी क्योंकि मंत्रिमंडल विधान पार्षद के तौर पर नियुक्ति के लिए उनके नाम की सिफारिश करने वाला था।
ठाकरे के मामले में छह महीने की अवधि 28 मई को खत्म होने वाली है क्योंकि उन्होंने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
विधायकों के कोटा से विधान परिषद की नौ सीटें 24 अप्रैल से रिक्त हैं और ठाकरे द्विवार्षिक चुनाव के दौरान एक सीट पर विधान पार्षद चुने जाने वाले थे। कोरोना वायरस के संक्रमण और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण चुनाव आयोग ने चुनाव स्थगित कर दिया था।
संविधान के अनुच्छेद 164 (चार) में कहा गया है कि लगातार छह महीने तक मुख्यमंत्री अथवा मंत्री अगर किसी सदन का सदस्य नहीं रहता है तो उसे अवधि खत्म होने पर मंत्री पद छोड़ना होता है। (भाषा)