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Last Updated : गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021 (12:20 IST)

पॉजिटिव स्टोरी : महाराष्ट्र के कलाकार ने लॉकडाउन में पत्थरों में भरी जान

Suman Dabholkar | महाराष्ट्र के कलाकार ने लॉकडाउन में पत्थरों में भरी जान, कला और प्रकृति के प्रति फैलाई जागरूकता
मुंबई। महाराष्ट्र के एक कलाकार ने कोरोनावायरस महामारी को नियंत्रण में करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बीच अपनी कला को निखारते हुए नदी के पत्थरों पर कुछ प्रमुख हस्तियों की तस्वीरों को उकेरते हुए और कला और प्रकृति के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाई।
 
ठाणे के एक विद्यालय के शिक्षक सुमन दाभोलकर ने नदी के पत्थरों की आकृति के अनुसार ही अपने ब्रश का जादू चलाते हुए उस पर भगवान विट्ठल, वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी तथा अभिनेता सोनू सूद, नसीरुद्दीन शाह और कवि नारायण सूर्वे की पेंटिंग बनाई।
 
सूद पिछले साल लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों की मदद करने के लिए चर्चा में थे। उन्होंने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दाभोलकर के काम की तारीफ की थी। पिछले साल नवंबर में संविधान दिवस के मौके पर दाभोलकर ने एक बड़े पत्थर पर संविधान निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर का चित्र उकेरा था।
 
उन्होंने बताया कि मैंने लॉकडाउन के दौरान अपने भीतर के कलाकार को एक बार फिर महसूस किया और एक नया कौशल हासिल किया। मैं हमेशा कला की उस विधा से जुड़ना चाहता था, जो प्रकृति के नजदीक हो और उसके बारे में उन लोगों को जागरूक करे, जो कला दीर्घाओं में नहीं जाते हैं।
लॉकडाउन के दौरान वे सिंधुदुर्ग जिले में अपने पैतृक गांव कांकावली चले गए हैं। यहां कई खूबसूरत झील और नदियां हैं। इसके बाद दाभोलकर पैदल ही नदी की ओर जाने लगे। यह जगह उनके घर से कुछ दूर है। वे वहां जाकर बहते हुए पानी और पत्थरों की खूबसूरती से बेहद प्रभावित हुए।  उन्होंने कहा कि मैं पत्थरों पर कई रूपों और आकृतियों को देख सकता है। मेरे दिमाग में एक ख्याल आया था कि क्यों न इन पत्थरों को एक नई जिंदगी दी जाए।
 

उन्होंने कहा कि पत्थरों की आकृतियों में बिना बदलाव किए ही वे उस पर कई लोगों, जानवरों और कार्टूनों की आकृतियां बनाने लगे।  सिंधुदुर्ग की प्राकृतिक सुंदरता हमेशा मुझे आकर्षित करती रही। जब मुझे लॉकडाउन में अपने कस्बे में रहने का मौका मिला तो मैं प्रकृति को करीब से देख सकता था। प्रकृति के पास विशाल फलक है जिससे खूब सीख और शिक्षा मिलती है।  वे वियतनाम में 2019 में अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के लिए भी चुने गए थे। (भाषा)