मप्र हनी ट्रैप मामला : वीडियो बनाने के लिए लिपिस्टिक कवर एवं चश्मे में लगे रहते थे खुफिया कैमरे
भोपाल। मध्यप्रदेश में हाल ही में पुलिस के शिकंजे में आए मोहपाश (हनी ट्रैप) गिरोह के सदस्य अपने जाल में फंसे धनी एवं रसूखदार लोगों के साथ अंतरंग पलों का वीडियो बनाने के लिए कैमरे लिपिस्टिक कवर और चश्मों मे छुपाकर रखते थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह गिरोह इन्हीं वीडियो की मदद से धनी एवं रसूखदार लोगों को ब्लैकमेल करता था।
गौरतलब है कि इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनी ट्रैप गिरोह का खुलासा किया था। गिरोह की 5 महिलाओं समेत 6 सदस्यों को भोपाल और इंदौर से 18 एवं 19 सितंबर को गिरफ्तार किया गया।
हनी ट्रैप और ब्लैकमेल कर इस इंजीनियर से 3 करोड़ रुपए मांगने के आरोप में पुलिस ने इंदौर और भोपाल से 5 युवतियों आरती दयाल (29), मोनिका यादव (18), श्वेता पति विजय जैन (39), श्वेता पति स्वप्निल जैन (48) और बरखा सोनी (34) को भारतीय दंड संहिता की धारा 405/19, 419, 420, 384, 506, 120-बी एवं 34 के तहत गिरफ्तार किया। इनके एक वाहन चालक ओमप्रकाश कोरी (45) को भी गिरफ्तार किया गया।
इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्र ने बताया कि जांचकर्ताओं को संदेह है कि इस गिरोह ने महिलाओं का इस्तेमाल कर राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई रसूखदारों को भी जाल में फंसाया था और इन लोगों से धन उगाही के अलावा अपनी अलग-अलग अनुचित मांगें जबरन मनवाईं। गिरोह खुफिया कैमरों से अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर अपने 'शिकार' को इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते ब्लैकमेल करता था।
इनमें से कई वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल भी हुए हैं। हालांकि इनमें से कुछ वीडियो में स्पष्ट समझ आता है कि उनसे छेड़छाड़ की गई है।
इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने के बाद मिश्र एवं अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र सिंह से बार-बार फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन विफल रहा। दोनों अधिकारी हनी ट्रैप मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्य हैं।