महिला उत्तेजक कपड़े पहने तो नहीं माना जाएगा यौन उत्पीड़न, केरल कोर्ट का अहम फैसला
कोझिकोड। केरल की एक अदालत ने लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता सिविक चंद्रन को बुधवार को इस आधार पर अग्रिम जमानत दे दी कि आईपीसी की धारा 354 ए के तहत यौन प्रताड़ना का आरोप प्रथम दृष्टया तब नहीं टिकता, जब महिला यौन उत्तेजक कपड़े पहनी हो।
कोझिकोड सत्र न्यायालय ने इसी आधार पर 74 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता सिविक चंद्रन को अग्रिम जमानत दे दी। एएनआई के मुताबिक, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ने जमानत आवेदन के साथ तस्वीरें भी पेश की हैं, जिनसे पता चलता है कि शिकायतकर्ता ने ऐसे कपड़े पहन रखे थे, जो यौन उत्तेजक हैं। अत: प्रथम दृष्टया धारा 354 ए आरोपी के खिलाफ प्रभावी नहीं होगी।
शिकायतकर्ता युवा लेखिका ने आरोप लगाया कि फरवरी 2020 में नंदी समुद्र तट पर आयोजित एक कैंप में उसकी लज्जा भंग करने की कोशिश की गई। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि आरोपी सिविक ने मौखिक और शारीरिक रूप से यौन उत्पीड़न किया।
इस मामले में कोयिलांडी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की 354-ए (2), 341 और 354 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। आरोपी की ओर से पेश हुए वकीलों का तर्क था यह एक झूठा मामला है और यह मामला बदला लेने के लिए गढ़ा गया है।