कश्मीर के टूरिज्म पर 'पत्थर', विदेशियों ने बनाई दूरी
श्रीनगर। कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद खराब हुए हालात में हड़ताली चाचा के हड़ताली कैलेंडर ने जो तड़का लगाया है, उसका परिणाम सामने आने लगा है। कश्मीर आने वाले अपने पांव पीछे खींचने लगे हैं। बॉलीवुड टीमें तो पहले ही शूटिंग को रद्द कर चुकी हैं और अब विदेशी पर्यटकों पर भी उनके देशों द्वारा कश्मीर यात्रा पर पाबंदी की घोषणा की जाने लगी है। यही नहीं कश्मीर के टूरिज्म पर मंडराते खतरे के बादलों की छांव का असर वैष्णोदेवी की यात्रा पर भी होने की शंका जाहिर की जाने लगी है।
कश्मीर आने वाले पर्यटक कर्फ्यू और पत्थबाजी से त्रस्त हैं। वे बिना कश्मीर दर्शन के लौट रहे हैं। हालांकि रेलवे टूरिज्म और कुछ निजी ट्रेवल एजेंटों द्वारा आयोजित किए जाने वाले टूरों में शामिल पर्यटक फिलहाल कश्मीर के दौरे पर हैं, पर अपने बल पर अकेले घूमने आने वाले अब पत्नीटाप से ही वापस मुड़ने लगे हैं। इसकी पुष्टि पर्यटन विभाग और कश्मीर के होटल वाले भी कर रहे हैं। पत्थरबाजी के दौरान कई पर्यटक भी जख्मी हुए हैं। ताजा हिंसा की घटनाओं और प्रदर्शनों ने सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
इन हिंसक प्रदर्शनों के बाद समस्त दुनिया में यह संदेश देने में पत्थरबाज सफल रहे हैं कि कश्मीर फिलहाल असुरक्षित ही है। इसी असुरक्षित होने के संदेश ने विदेशी पर्यटकों के पांव भी पीछे मोड़ने शुरू कर दिए हैं। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देशों ने अपने देशों के नागरिकों को कश्मीर यात्रा से बचने की सलाह देनी आरंभ कर दी है। पहले ही कई देश कश्मीर आने वाले पर्यटकों पर दबाव बनाए हुए थे और चोरी-छुपे आने वाले अपने नागरिकों की मुसीबत के समय कोई सहायता नहीं करने की बात कहकर उन्हें निरुत्साहित करते रहे हैं।
ताजा घटनाक्रम ने आग में घी का काम किया है। बॉलीवुड ने भी कश्मीर से अपने पांव पीछे खींचने आरंभ किए हैं। इसकी पुष्टि हो चुकी है कि सलमान खान समेत कई फिल्म अभिनेताओं के साथ कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में बनाई जाने वाली फिल्मों की शूटिंग फिलहाल रद्द की जा चुकी हैं। यही नहीं कश्मीर के टूरिज्म पर वर्तमान हालात का जो असर पड़ने की शंका प्रकट की जा रही है उसका सीधा असर वैष्णोदेवी की यात्रा पर भी पड़ने की बात कही जाने लगी है।
कटड़ा स्थित होटल वालों के मुताबिक, कश्मीर के हालात का सीधा असर वैष्णोदेवी की यात्रा पर भी पड़ता है। उनके मुताबिक, दरअसल राज्य के बाहर लोगों के लिए कश्मीर के मायने पूरा राज्य होता है और पहले भी कश्मीर में घटने वाली घटनाओं ने वैष्णोदेवी की यात्रा पर भी प्रभाव डाला है, यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है। जुलाई और अगस्त के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं कि वैष्णोदेवी की यात्रा ढलान पर है।