कश्मीर में हिंसा जारी, 12 लोग घायल
श्रीनगर। कश्मीर में हिंसा और बंद ने शनिवार को 120वां दिन पार कर लिया है। हिंसा में जख्मी हुए एक और युवक की मौत के साथ ही पिछले चार महीनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 100 से अधिक हो गई है। हिंसा अभी भी नहीं थमी है। आज भी हिंसा का दौर चला तो दर्जनभर लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए जिन्हें पैलेट गन के छर्रे लगे हैं।
विरोध प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच ताजा संघर्ष में आज कम से कम 12 लोग घायल हो गए। शहर के ईदगाह इलाके में कथित रूप से जहर देने के कारण 16 साल के एक लड़के के मारे जाने के बाद संघर्ष शुरू हुए। ईदगाह इलाके के कैसर सोफी की आज सुबह यहां के एक अस्पताल में मौत हो गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसे सुपुर्दे खाक किए जाने के बाद कुछ युवकों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया जिसके बाद सुरक्षाबलों ने बल का प्रयोग किया तो झड़पें हिंसक हो उठीं। उन्होंने बताया कि इन झड़पों में 12 लोग घायल हो गए जिनमें से अधिकतर पैलेट गन के छर्रे लगने से घायल हो गए। अधिकारी ने बताया कि सोफी 25 अक्टूबर को लापता हुआ था और छह दिन बाद शहर के शालीमार इलाके में उसे बेहोशी की हालत में पाया गया। हालांकि इलाके में रहने वाले लोगों का आरोप है कि सुरक्षाबलों ने सोफी को बलपूर्वक कोई विषली चीज खिलाई थी।
अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित हड़ताल के कारण घाटी में दूसरी जगहों पर लगातार 120वें दिन आम जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने बताया कि जहां कश्मीर में अधिकतर दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं पेट्रोल पंप बंद थे, वहीं शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र के कुछ इलाके और बाहरी इलाके में कुछ खुले थे। उन्होंने कहा कि अधिकतर सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सड़कों से नदारद रहीं लेकिन शहर के कुछ इलाकों सहित घाटी की कुछ जगहों पर ऑटो रिक्शा और टैक्सियां चलती रहीं।
आठ जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से अलगाववादी कश्मीर में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं और साप्ताहिक विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम जारी कर रहे हैं। उन्होंने हड़ताल दस नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है। हालांकि कश्मीर में किसी भी जगह पर लोगों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं लगी है, पूरी घाटी में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लोगों के जमा होने पर रोक लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और साथ ही लोगों में बिना किसी भय के अपने रोजमर्रा के काम करने को लेकर सुरक्षा की भावना भरने की खातिर ऐहतियाती उपाय के तौर पर संवेदनशील जगहों एवं मुख्य सड़कों पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। घाटी में जारी अशांति के कारण अब तक दो पुलिसकर्मियों सहित 100 लोग मारे गए हैं और हजारों अन्य घायल हो गए हैं। संघर्षों में करीब 8000 सुरक्षाबल कर्मी भी घायल हुए हैं।