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Last Updated : सोमवार, 13 मार्च 2017 (18:53 IST)

मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने भी भक्तों संग खेली होली

मथुरा की सांसद हेमा मालिनी  ने भी भक्तों संग खेली होली - Holi, Mathura, Hema Malini
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद एवं अभिनेत्री हेमा मालिनी ने भी ब्रज की गोपी बनकर श्रद्धालु भक्तों के साथ जमकर होली खेलीं।
         
ब्रज की होली राधारानी की नगरी वृन्दावन से शुरू होती है तो ऐसा महसूस होता है कि स्वयं श्यामसुन्दर किशोरी  के साथ होली खेल रहे हैं। इस दौरान मथुरा सांसद हेमामालिनी भी ठाकुरजी महाराज के साथ भक्तों पर रंग डालने से स्वयं को न रोक सकीं और देशी-विदेशी श्रद्धालुओं के साथ होली खेलीं।
       
वृन्दावन के प्रियाकान्तजू मंदिर पर आयोजित होली महोत्सव में ब्रज की होली के सभी रंग ऐसे जीवन्त हुए कि दर्शकों के पैर थिरक उठे। फूलों की होली से शुरू हुआ यह महोत्सव रंग-गुलाल की फुहारों के साथ सांसद हेमा मालिनी ने भक्तों पर रंग डाला और छोटे-छोटे बच्चों ने उन्हें गुलाल लगाया। मंदिर प्रांगण में मधुर भजनों पर झूमते भक्तों के लिए यह क्षण यादगार बन गया। 
      
देवकीनंदन महाराज ने प्रियाकान्तजू भगवान को गुलाल लगाकर होली की शुरुआत की। दोपहर करीब एक बजे नगाड़ा बजाकर प्रियाकान्तजू मंदिर पर होली की घोषणा की गई। ब्रज के कलाकारों ने गोपी और कृष्ण स्वरूप में रसिया और पदों की होली से हंसी-ठिठोली की तो गोपियों ने भी लठ्ठों से उनके हास परिहास का जवाब दिया। लठ्ठमार होली के बाद लड्डुओं की होली में देवकीनंदन महाराज ने श्रद्धालुओं पर लड्डू बरसाए, जिसे भक्तों ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।
      
पूर्व में अष्टोत्तर भागवत कथा में देश के विभिन्न स्थानों से वृन्दावन आए श्रद्धालु भक्तों ने ब्रज की होली में जमकर लड्डू लूटे तो फूलों की होली में राधा-कृष्ण स्वरूप पर पुष्पवर्षा कर आनन्द में गोते लगाए। भागवताचार्य ने ब्रज की होली के रसिक गीत सुनाना प्रारम्भ किया तो श्रद्धालु मस्ती में झूमने लगे।
 
इस दौरान भक्त एक-दूसरे के ऊपर रंग-गुलाल उड़ा रहे थे। मंदिर की छत से भागवताचार्य देवकीनंदन महाराज ने पिचकारी से प्रांगण में जमे श्रद्धालुओं के ऊपर टेसू के फूलों से बनाए सुगंधित रंग के घोल से बौछार की तो वातावरण सतरंगी हो गया। नाचते-गाते श्रद्धालु और रंग डालने की जिद कर रहे थे। 
       
प्रियाकान्तजू मंदिर पर शुरु हुआ यह रंगोत्सव देर शाम तक चला। इसके पश्चात भक्तों ने प्रियाकान्तजू भगवान की आरती में भाग लेकर विश्व में शान्ति के लिए प्रार्थना की। (वार्ता) 
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