सबरीमाला श्रद्धालुओं को सुविधा मामले पर हुई उच्चस्तरीय बैठक, जल्द दूर होंगी खामियां
सबरीमाला (केरल)। केरल के सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के प्रसिद्ध मंदिर के लिए शुरू हुई 2 महीने की वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए रविवार को उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस दौरान खामियों को 2 दिन में दूर करने का फैसला किया गया।
केरल के देवस्वओम मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन ने सन्निधानम इलाके में हुई बैठक की अध्यक्षता की और यहां आने वाले तीर्थयात्रियों और उनके लिए उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की समीक्षा की। बैठक के बाद सुरेंद्रन ने कहा, हमने नीलक्कल, पम्पा और सन्निधानम में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं पर चर्चा की। हमने पाया कि इनमें कुछ खामियां हैं, जिसे एक-दो दिन में ठीक कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि धन की कमी की समस्या का समाधान हो गया है, क्योंकि सरकार की ओर से सबरीमाला के लिए आवंटित 100 करोड़ रुपए में 30 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं। सुरेंद्रन ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस तीर्थ सत्र से भविष्य में धन की कमी की समस्या दूर हो जाएगी।
पम्पा आधार शिविर में तैनात पुलिस अधिकारियों ने रविवार को कहा कि करीब 28540 श्रद्धालु ने भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए पवित्र पहाड़ी की चढ़ाई की। मंदिर का प्रबंधन देखने वाले त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड ने सभी सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया है, लेकिन पम्पा में नियुक्त पुलिस अधिकारियों ने दूरसंचार विभाग के काम के प्रति असंतुष्टि जताई।
पम्पा के नियंत्रण कक्ष में फोन करने पर दोपहर 3 बजे तक कोई जवाब नहीं मिला। पम्पा में तैनात पुलिस अधिकारी ने कहा, दूरसंचार अधिकारियों को 16 नवंबर को तीर्थयात्रा शुरू होने से पहले ही फोन कनेक्शन देना था, लेकिन अभी भी नियंत्रण कक्ष में फोन लाइन देना बाकी है।
मंत्री ने कहा कि छोटे वाहन पम्पा तक तीर्थयात्रियों को छोड़ने के लिए जा सकते हैं और केरल राज्य सड़क परिवहन निगम के बस कतार प्रणाली का अनुपालन करेंगे और नीलक्कल से पम्पा तक संवाहक तैनात होंगे। पिछले साल दक्षिणपंथी संगठनों और राजनीतिक पार्टियों के विरोध प्रदर्शन की वजह से निजी वाहनों को केवल नीलक्कल तक आने की अनुमति दी गई थी जो पम्पा से करीब 18 किलोमीटर दूर है। वहीं, राज्य परिवहन की बसों का इस्तेमाल श्रद्धालुओं को नीलक्कल से पम्पा लाने ले जाने के लिए किया गया।
अधिकारी ने कहा कि जल्द ही निजी वाहन श्रद्धालुओं को पम्पा में उतारकर नीलक्कल की पार्किंग में जा सकेंगे। इस बीच, मंडल-मकरविलक्कू पूजा तीर्थ सत्र के दूसरे दिन रविवार को भगवान अयप्पा के मंदिर में भारी भीड़ रही। राज्य के मंदिरों का प्रबंधन देखने के लिए गठित देवस्वओम बोर्ड ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की है।
पिछले साल अगस्त में जमकर हुई बारिश और बाढ़ की वजह से भारी तबाही हुई थी और तीर्थयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाई गई संरचनाएं बर्बाद हो गई थीं।