कर्नाटक में गौ-वध निरोधक अधिनियम के लिए अध्यादेश लाएगी सरकार
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि विधान परिषद के स्थगन से पहले पारित नहीं हुए गौ-वध निरोधक विधेयक को प्रभावी करने के लिए राज्य सरकार अध्यादेश लाएगी।
येदियुरप्पा ने शुक्रवार को यहां अपने सरकारी आवास पर कहा कि कर्नाटक पशु संरक्षण एवं पशुवध रोकथाम विधेयक के लिए अध्यादेश लाया जाएगा। उन्होंने कहा, हम अध्यादेश लाएंगे। जैसा कि आपको ज्ञात है कि विधान परिषद अध्यक्ष ने सहयोग नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विधान परिषद अध्यक्ष के. प्रतापचंद्र शेट्टी को मंगलवार को पुन: सदन का सत्र बुलाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, हमने राज्यपाल के समक्ष भी याचिका प्रस्तुत की है। विधान परिषद अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही अचानक स्थगित करने का कोई अधिकार नहीं है जैसा कि उन्होंने किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, यह समूचे जग को पता है कि हिंदू धर्म में गाय पूजनीय है। कृषि प्रधान देश भारत में पशुपालन किसानों के लिए आय का एक स्रोत है और खेती-किसानी के काम में पशुओं का उपयोग किया जाता है। इस नजरिए से गाय को भारतीय संस्कृति की संपदा माना गया है। विधानसभा ने विधेयक पारित कर दिया है, जो मौजूदा कानून को और सुदृढ़ करेगा।
उन्होंने राज्य की 90 प्रतिशत जनता के विधेयक से खुश होने का दावा करते हुए कहा कि हमने अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी इसके लिए वादा किया था। उन्होंने कहा, विधेयक के मुताबिक, गौ-वध करने के मामले में सात साल तक की कैद और 10 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान होगा तथा गायों के संरक्षण के लिए विशेष अदालतें भी गठित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों समेत परिवहन निगम कर्मियों के आंदोलन के कारण बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। कोविड-19 और लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में बस सेवाएं निलंबित रहने से निगम को वैसे भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण उनकी मांगों को पूरा किए जाने में दिक्कतें हैं। उन्होंने आंदोलन कर रहे लोगों से हठ त्यागने और काम पर वापस लौटने की अपील की।(वार्ता)