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Written By एन. पांडेय
Last Updated : मंगलवार, 21 दिसंबर 2021 (21:53 IST)

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल पहुंचे CDS जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव, दी श्रद्धांजलि

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल पहुंचे CDS जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव, दी श्रद्धांजलि - Ganesh Godiyal reached the native village of CDS General Bipin Rawat
देहरादून। वीर ग्राम प्रणाम यात्रा के तहत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मंगलवार को सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर गोदियाल ने कहा कि यह वीर भूमि है जिसका तिलक लगाकर हमारे वीरों ने देश की रक्षा का संकल्प लिया और शहादत भी दी है। इन वीर योद्धाओं में जनरल बिपिन रावत ने उत्तराखंड का नाम रोशन किया। आज भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं, पर उनके शौर्य और वीरता से पहाड़ का मान-सम्मान अनंतकाल तक जिंदा रहेगा।
 
उनके पैतृक गांव पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, जिला अध्यक्ष विनोद नेगी, जिला अध्यक्ष कोटद्वार चन्द्रमोहन खर्कवाल, पूर्व विधायक शैलेन्द्र रावत, ब्लॉक दुगड्डा प्रमुख रुचि कैंथुरा, राजपाल बिष्ट, ज्योति रौतेला, नवल किशोर, कवीन्द्र ईष्टवाल, रिखणीखाल प्रमुख दीपक भण्डारी, बीरोंखाल प्रमुख राजेश कण्डारी, पूर्व प्रमुख सुनील लिंगवाल, पूर्व प्रमुख सुरेंद्र रावत, पूर्व प्रमुख दुग्गड्डा उषा नेगी, पूर्व प्रमुख एकेश्वर जसपाल रावत, केशव आर्य, सरिता नेगी, तामेश्वर आर्य, प्रमोद मंद्रवाल, क्षेत्र पंचायत, ग्राम प्रधान आदि शामिल थे।
 
भाजपा भी कई दिनों तक देहरादून में बनने वाले सैन्य धाम के लिए घर-घर जाकर शहीद जवानों के घरों की मिट्टी लाकर इसके जरिए सैनिक परिवारों को भाजपा से जोड़ने की कवायद में सैनिक सम्मान का भी कार्यक्रम जगह-जगह करती दिखाई दी थी।
 
पिछले 15 नवंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चमोली जिले के सवाड़ गांव से सैनिक सम्मान यात्रा की शुरुआत की थी। यह देख कि राज्य के 1 लाख 15 हजार उत्तराखंड के जवान देश सेवा में लगे हैं। 5 लाख सैनिक परिवार उत्तराखंड में हैं। इस भूमि से 1 परमवीर चक्र, 6 अशोक चक्र, 13 महावीर चक्र प्राप्तकर्ता आते हैं। भाजपा इनके वोट प्राप्त करने की जुगत में लंबे वक्त से है। इस देवभूमि एवं वीर भूमि से देश के अनेक उच्च पदों पर कार्यरत है।
 
हालांकि बिन्दुखत्ता, नैनीताल और बेरीनाग में कुछ सैन्य परिवारों ने भाजपा के इस प्रयास का यह कहकर विरोध किया कि उनके परिजनों के बावत की गई घोषणा को सरकार में काबिज होने के बाद भाजपा पूरा नहीं कर पाई। वह केवल अपना प्रचार करने की गरज से ऐसे स्टंट करती है। लेकिन प्रशासन के सहयोग से इन परिवारों को समझकर फिर किसी तरह इनके घरों की मिट्टी जुटाकर उसका अभियान जारी रहा। पिछले दिनों सैन्य धाम की नींव भाजपा ने देहरादून के गुनियाल गांव में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाथों से रखवाई। भाजपा के इन प्रयासों के ही जवाब में कांग्रेस भी कई ऐसे कार्यक्रम सैनिकों को रिझाने के लिए कर चुकी है।
 
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हरीश रावत ने भाजपा पर लगाया आरोप : प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तरप्रदेश एवं उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे में भाजपा सरकार पर राज्य की संपत्तियों को लुटवाने का आरोप लगाया है।
 
उन्होंने कहा कि बडे भाई उत्तरप्रदेश के समक्ष उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की संपत्तियों व राज्य के हितों को समर्पित कर दिया है। अलकनंदा होटल के एवज में सिंचाई विभाग की बेशकीमती जमीन उत्तरप्रदेश को देना व श्री बद्रीनाथ मंदिर की संपत्तियों को भी उत्तरप्रदेश को सौंप देना राज्य के हितों के साथ खिलवाड़ है। टिहरी बांध परियोजना से मिलने वाली बिजली तथा अन्य हितों को भी गंभीरता से नहीं देखा गया व राज्य के हितों को वहां पर भी समर्पण किया गया है। उत्तराखंड परिवहन निगम का भी लगभग 100 करोड़ रुपए राज्य के हितों के साथ समझौता किया गया है।
उन्होने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बेशक मेरे प्रिय अनुज हैं, परंतु उत्तरप्रदेश के आगे उत्तराखंड राज्य के हितों को समर्पित किया जाना राज्यवासियों के साथ अन्याय है। सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों के मामले में भी राज्य के हितों के साथ समझौता किया गया है।
 
रावत ने कहा कि इसके अलावा 11वें वित्त आयोग से मिलने वाली 5,000 करोड़ की धनराशि, उत्तरप्रदेश रिवॉल्विंग फंड में उत्तराखंड के 13 जिलों की जिला पंचायतों की जमा धनराशि पर अर्जित ब्याज, उत्तरप्रदेश औद्योगिक विकास विभाग को अनुबंध के अनुसार बकाया ब्याज के 15 करोड़ से अधिक की धनराशि, तराई बीच एवं तराई विकास परिषद को उत्तरप्रदेश से मिलने वाली 8.80 करोड़ की धनराशि का भुगतान। उत्तरप्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास विकास निगम और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों का वर्ष 2000 की बैलेंस शीट के आधार बंटवारा तथा लखनऊ एवं दिल्ली स्थित राज्य अतिथि गृह की परिसंपत्तियों पर भी उत्तरप्रदेश कब्जा जमाए हुए है।
 
केंद्र की भाजपा सरकार के दबाव के चलते उत्तरप्रदेश एवं उत्तराखंड की भाजपा सरकार के मध्य गुपचुप ढंग से चुनावी वर्ष में आनन-फानन में परिसंपत्तियों के अव्यावहारिक बंटवारे से उत्तराखंड राज्य के हितों पर भारी कुठाराघात किया गया है जिससे कांग्रेस पार्टी सहमत नहीं है।
 
11 नवंबर को सीएम धामी और यूपी के सीएम योगी के बीच हुई बैठक में परिसंपतियों के लंबित मसलों पर सहमति बनी और हल के निर्णय भी लिए गए। संयुक्त बैठक के लिए गए फैसलों का कार्यवृत्त जारी होने में 1 महीने से अधिक का समय लग गया। बैठक में लिए गए फैसलों के अनुसार उप्र सिंचाई विभाग की हरिद्वार की जमीन कुंभ और दूसरे प्रयोजन के लिए आसानी से मिलेगी।
 
उधमसिंह नगर में जलाशयों और हरिद्वार में गंग नहर में वॉटर स्पोर्ट्स की अनुमति मिलेगी। इसके तत्काल आदेश जारी होंगे। सिंचाई विभाग के हरिद्वार में यूपी की भूमि व भवनों का आकलन करने के लिए दोनों विभागों के अधिकारी संयुक्त सर्वे कर 15 दिन में निर्णय लेंगे। भूमि का मालिकाना हक यूपी के पास रहेगा। उधम सिंह नगर जिले में में धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन व जल क्रीड़ा की अनुमति होगी। परिवहन व विकास परिषद की सम्पतियों का भी समय से समाधान किया जाएगा।
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