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Last Updated : मंगलवार, 21 दिसंबर 2021 (21:08 IST)

टीकाकरण में प्रयोग हो रहीं वैक्सीनें क्या Omicron वैरिएंट पर असरकारक हैं?, जानें सरकार ने क्या दिया जवाब

टीकाकरण में प्रयोग हो रहीं वैक्सीनें क्या Omicron वैरिएंट पर असरकारक हैं?, जानें सरकार ने क्या दिया जवाब - Are the vaccines being used in vaccination effective against the Omicron variant?
नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को कहा कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिसके आधार पर कहा जा सके कि फिलहाल उपलब्ध टीके कोरोनावायरस के नए संक्रमण ओमिक्रॉन पर काम नहीं करते। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि हालांकि वायरस में हुए कुछ उत्परिवर्तन वर्तमान टीकों के प्रभाव को थोड़ा कम कर सकते हैं।

 
मांडविया ने कहा कि ओमिक्रॉन के संबंध में उपलब्ध आंकड़े सीमित हैं और टीकों के प्रभाव को लेकर कोई समीक्षा भी नहीं की गई है। उनसे पूछा गया था कि देश में लोगों को दिए जा रहे टीके क्या कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने में कारगर हैं?

 
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि टीकों के जरिए सुरक्षा का कारण एंटीबॉडी और कोशिकाओं की प्रतिरोधक क्षमता भी होती है और समझा जाता है कि इनका बेहतर तरीके से संरक्षण होता है। इसलिए अब भी गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा के लिए टीके को उपयोगी माना जाता है तथा उपलब्ध टीकों के जरिए टीकाकरण महत्वपूर्ण है।
विभिन्न देशों में ओमिक्रॉन के मामलों में वृद्धि की खबर फैलने के बाद सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में मांडविया ने बताया कि यात्रा संबंधी वर्तमान दिशा-निर्देशों की, खतरे को देखते हुए समीक्षा करने के बाद 28 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन के बारे में नियम जारी किए गए और इनमें दो दिन बाद संशोधन भी किया गया।
 
दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड महामारी और ओमिक्रॉन के मामलों के आधार पर देशों को फिर से जोखिम वाले देशों की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया। समय समय पर यह सूची अद्यतन की जाती है। जोखिम वाली श्रेणी में शामिल दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों को आगमन के साथ ही आरटी-पीसीआर के जरिए कोविड जांच करानी होती है और सात दिन के लिए घर पर अनिवार्यरूप से पृथक-वास में रहना होता है।
 
उन्होंने बताया कि भारत आगमन के 8 दिन बाद यात्री को पुन: आरटी-पीसीआर जांच करानी होती है। इसके अलावा गैर जोखिम वाली श्रेणी के देशों से आने वाले यात्रियों में से कोई दो फीसदी यात्रियों की कोविड जांच की जाती है। मांडविया ने बताया कि संक्रमित पाए गए लोगों के नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाते हैं। उन्होंने बताया कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को भी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर नजर रखने सहित विभिन्न निर्देश दिए गए हैं ताकि ओमिक्रॉन स्वरूप से संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
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