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Last Updated : सोमवार, 26 नवंबर 2018 (22:35 IST)

कुरियन की बेटी ने धर्मांतरण के आरोप पर कहा, ऐसी टिप्पणियों को अनदेखा करें

कुरियन की बेटी ने धर्मांतरण के आरोप पर कहा, ऐसी टिप्पणियों को अनदेखा करें - Doctor Verghese Kurien
आणंद। भारत में 'दुग्ध क्रांति' के जनक डॉक्टर वर्गीस कुरियन की बेटी ने गुजरात के पूर्व मंत्री दिलीप संघानी के उन दावों को सोमवार को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि कुरियन डेरी सहकारी संस्था 'अमूल' के मुनाफे की राशि का उपयोग देश में धर्मांतरण के लिए करते थे।
 
 
संघानी ने आरोप लगाया था कि नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के दिवंगत संस्थापक अध्यक्ष (एनडीडीबी) और गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन अमूल के मुनाफे में से ईसाई मिशनरियों को धर्मांतरण के लिए धन देते थे।
 
अपने पिता की पुण्यतिथि के अवसर पर निर्मला कुरियन ने कहा कि हमें ऐसे बयानों की अनदेखी करनी चाहिए और भारत में दुग्ध क्रांति की शुरुआत करने वाले संस्थानों के निर्माण में वर्गीस कुरियन के योगदान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
 
डॉक्टर कुरियन की जयंती के अवसर पर यहां एनडीडीबी में एक समारोह के बाद निर्मला ने कहा कि मेरे पिता एक नास्तिक (ईसाई होने के बावजूद) थे और उनकी इच्छानुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया। उसकी तरह मेरी मां का भी अंतिम संस्कार किया गया। 26 नवंबर 1921 को जन्मे कुरियन का 9 सितंबर 2012 को निधन हो गया था। उन्होंने बताया कि हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि मवेशी पालने वाले किसानों के जीवन में उनकी वजह से कितना बदलाव आया।
 
संघानी के आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के प्रबंध निदेशक डॉक्टर आरएस सोढ़ी ने कहा कि डॉक्टर कुरियन का वही धर्म था, जो देश के सभी किसानों का है। संघानी ने कहा था कि त्रिभुवनदास पटेल अमूल के संस्थापक थे लेकिन डॉक्टर कुरियन अमूल की आय में से राशि दक्षिण गुजरात में आदिवासियों के धर्मांतरण के लिए देते थे। (भाषा)