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Last Updated : सोमवार, 21 फ़रवरी 2022 (17:26 IST)

राव, ठाकरे, पवार की मुलाकात पर फडणवीस ने किया तंज, कहा- अतीत में नाकाम रहे हैं ऐसे प्रयोग

राव, ठाकरे, पवार की मुलाकात पर फडणवीस ने किया तंज, कहा- अतीत में नाकाम रहे हैं ऐसे प्रयोग - Devendra Fadnavis takes a dig at Rao, Thackeray and Pawar
औरंगाबाद (महाराष्ट्र)। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विभिन्न पार्टियों को एकजुट करने के प्रयास के तहत तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव द्वारा महाराष्ट्र में अपने समकक्ष उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार से मुंबई में मुलाकात किए जाने के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि अतीत में ऐसे प्रयोग किए गए, लेकिन वे नाकाम हो गए।
 
फडणवीस ने औरंगाबाद में कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों का इस तरह से मिलना कोई नई बात नहीं है और राव ने उनसे भी मुलाकात की थी, जब वे 2014 से 2019 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। इससे पहले भी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ये नेता एकसाथ (भाजपा का मुकाबला करने के लिए) आए थे लेकिन उससे कुछ नहीं हुआ। कई राज्यों में इस तरह के प्रयोग (गैर-भाजपा दलों के बीच एकता के) अतीत में भी किए गए थे लेकिन उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
 
भाजपा नेता ने दावा किया कि उनकी पार्टी जल्द ही तेलंगाना में में एक प्रमुख दल बन जाएगी, जहां अभी राव की पार्टी टीआरएस का शासन है। फडणवीस ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तेलंगाना में 4 सीटें जीती थीं। आने वाले समय में हमारी पार्टी उस राज्य में पहले नंबर पर होगी।
 
नारायण राणे के बंगले को लेकर उनके खिलाफ मुंबई नगर निकाय की कार्रवाई के बारे पूछे गए एक सवाल के जवाब में फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार राणे और पूर्व सांसद किरीट सोमैया के खिलाफ 'बदले की राजनीति' कर रही है। उल्लेखनीय है कि सोमैया नियमित रूप से शिवसेना नेताओं और राज्य के मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं।
 
स्थानीय मुद्दों का जिक्र करते हुए फडणवीस ने कहा कि मराठवाड़ा को सूखे से निजात दिलाने के लिए उनके कार्यकाल के दौरान बनाई गई योजनाओं की मौजूदा गठबंधन सरकार ने जान ले ली। उन्होंने दावा किया कि इस क्षेत्र को सूखामुक्त बनाने के लिए हमने मराठवाड़ा जल ग्रिड परियोजना बनाई थी तथा हमने 5 जिलों के लिए निविदाएं जारी की थीं और 3 प्रक्रिया में थीं। लेकिन इस सरकार ने धीमा जहर के साथ उस परियोजना को समाप्त कर दिया।
 
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने यह नहीं कहा कि वे योजना को रद्द कर रहे हैं। उन्होंने इसे एक छोटे से भौगोलिक क्षेत्र में लागू किया और कहा कि वे बाकी क्षेत्र में भविष्य में परियोजना को लागू करेंगे। कागज और योजनाएं उससे आगे नहीं बढ़ी हैं। किसानों की बिजली की आपूर्ति मामूली बकाया पर भी काट दी जाती है जबकि 2.5 लाख रुपए वेतन लेने वाले जनप्रतिनिधियों के बिलों का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है, यह किसानों के साथ अनुचित व्यवहार है।
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