शिवाजी महाराज की सबसे ऊंची प्रतिमा कहां स्थापित हुई, जानिए विशेषताएं
छत्रपपति शिवाजी महाराज की जयंती (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti): तुलजा भवानी के उपासक, समर्थ रामदास के शिष्य और भारत के वीर सपूतों में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म सन् 19 फरवरी 1630 में मराठा परिवार में हुआ। कुछ लोग 1627 में उनका जन्म बताते हैं। उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था। तिथि के अनुसार उनका जन्म वैशाख माह की कृष्ण द्वीतीया तिथि को हुआ था। हाल ही में उनकी सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण हुआ। आओ जानते हैं कि क्या विशेषताएं हैं इस मूर्ति की।
क्रांति चौक औरंगाबाद, शिवजी महाराज प्रतिमा ( kranti chowk statue of shivaji maharaj aurangabad )
यूं तो शिवाजी महाराज की घोड़े पर सवार सबसे ऊंची प्रतिमा मुंबई अरब सागर तट के पास निर्माणाधीन है। जो करीब अनुमानीत रूप से 696 फीट ऊंची रहेगी। परंतु शिवाजी महाराज की सिंहासन पर बैठी प्रतिमा का हाल ही में लोकार्पण हो रहा है जो करीब 21 फीट ऊंची है। इस प्रतिमा को देश में छत्रपति शिवाजी महाराज की सबसे ऊंची प्रतिमा बताया जा रहा है जो औरंगाबाद के क्रांति चौक पर स्थापित होगी।
प्रतिमा की विशेषताएं :
प्रतिमा की ऊंचाई : 21 फीट
प्रतिमा के चबूतरे की ऊंचाई 31 फीट
प्रतिमा का वजन : 7 टन
चबूतरे की ऊंचाई : 31 फीट
चबूतरा सहित प्रतिमा की कुल ऊंचाई : 52 फीट
धातु : कांस्य
प्रतिमा के निर्माण की लागत : 98.00 लाख रुपए
चबूतरा के निर्माण की लागत : 255.00 लाख रुपए
अन्य विशेषताएं : चबूतरे के चारों ओर 24 मेहराबों में 24 मावले की प्रतिकृतियां लगाई गई हैं। चबूतरे के चारों ओर एक फव्वारा बनाया गया है और एक हाथी की सूंड से पानी का फव्वारा निकलेगा।