हाथरस पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों पर FIR की मांग
लखनऊ। समाजसेविका एवं वकील नूतन ठाकुर ने हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़िता का नाम और फोटो सोशल मीडिया पर डालने वालों के खिलाफ (FIR) एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
पुलिस की दी तहरीर में डॉ. ठाकुर ने युवती के बलात्कार एवं हत्या मामले में माइक्रो-ब्लॉगिंग साईट ट्विटर पर युवती का नाम लिए जाने, उसके नाम से ट्विटर पर विभिन्न हैशटैग चलाए जाने, उस युवती की दो फोटो शेयर किए जाने आदि के संबंध में विधिक कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि युवती की फोटो के साथ ही उसकी पहचान को उजागर करते कई वीडियो भी यूट्यूब पर डाले गए हैं, जो धारा 228ए आईपीसी के अनुसार दंडनीय अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने भी निपुण सक्सेना केस में स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी स्थिति में रेप पीड़िता की पहचान नहीं उजागर की जाए।
उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से ट्विटर, अन्य सोशल मीडिया एवं इंटरनेट से उस युवती के नाम, फोटो, वीडियो आदि को अविलंब हटवाए जाने की भी मांग की है। हाथरस के एक गांव में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ चार युवकों ने दुष्कर्म किया जिसके बाद युवती को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई।
प्रियंका ने योगी सरकार पर साधा निशाना : कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश के हाथरस में हैवानियत की शिकार हुई एक बच्ची का हवाला देते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार पर मंगलवार को कड़ा प्रहार किया और कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था अब हद से ज्यादा बिगड़ गई है। हाथरस, शाहजहांपुर और गोरखपुर में एक के बाद एक रेप की घटनाओं ने राज्य को हिला दिया है। यूपी में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है।
प्रियंका ने महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए और कहा कि महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है। अपराधी खुलेआम अपराध कर रहे हैं। इस बच्ची के क़ातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। आदित्यनाथजी उत्तरप्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति आप जवाबदेह हैं।
बलात्कारियों को संरक्षण दे रही है योगी सरकार : आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद और उत्तरप्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि योगी सरकार बलात्कारियों को संरक्षण दे रही है जबकि एंटी रोमियो और दुराचारियों के पोस्टर की नाटक नौटंकी की जा रही है।
सिंह ने कहा कि योगी सरकार हाथरस में हैवानियत की शिकार बेटी की हालत बिगड़ने का इंतजार करती रही और जान बचाने की स्थिति नहीं रही तो उसको दिल्ली भेजने की नौटंकी की गई। एम्स में उस बेटी को जगह नहीं दिला पाए और सफदरजंग में एडमिट कराया, जहां उसकी मौत हो गई।
योगी सरकार की अव्यवस्था जो एक बेटी के साथ बलात्कार होने के बाद भी बलात्कारियों के पक्ष में खड़ी नजर आती है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार जब चिन्मयानंद के पक्ष में खड़ी होगी तो उत्तर प्रदेश बेटियों को न्याय कैसे मिलेगा। (वार्ता)