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Last Modified: बुधवार, 4 नवंबर 2020 (16:30 IST)

दिल्ली सरकार ने पराली समस्या का निकाला आसान और सस्ता समाधान

दिल्ली सरकार ने पराली समस्या का निकाला आसान और सस्ता समाधान - Delhi government provides cheap and effective alternative to stubble burning
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ हिरनकी गांव का दौरा कर बायो डीकंपोजर केमिकल के छिड़काव का पराली पर पड़ने वाले प्रभावों का जायजा लिया। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ने पराली का बहुत ही सस्ता और आसान सामधान दे दिया है।
 
पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए किसान मजबूर होकर पराली जलाते हैं। पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए बायो डीकंपोजर केमिकल के छिड़काव से पराली खाद में बदल रही है। अभी तक सरकारें पराली के समाधान पर बहानेबाजी कर रही थीं, लेकिन अब इनके पास कोई बहाना नहीं बचा है।
 
केजरीवाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को भी बताएंगे कि पराली के समाधान के लिए बॉयो डीकंपोजर केमिकल का छिड़काव बहुत ही प्रभावशाली है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों ने पराली के समाधान को लेकर कदम उठाया होता, तो आज दिल्ली के लोगों को कोरोना काल में प्रदूषण का जहर नहीं पीना पड़ता।
दिल्ली के प्रदूषण में करीब 40 प्रतिशत योगदान पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में जलाई जाने वाली पराली का है।

केजरीवाल ने कहा कि हर साल पराली जलने की वजह से जो धुंआ उठता है, उससे प्रदूषण बढ़ता है। मीडिया की रिपोर्ट और सैटेलाइट की फोटो से पता चलता है कि आसपास के राज्यों में, खासकर पंजाब में काफी मात्रा में पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं। एक तरफ, किसान खुद भी बहुत दु:खी है। जब किसान पराली जलाता है, उसको खुद भी काफी प्रदूषण बर्दाश्त करना पड़ता है और उस पूरे गांव को बहुत ज्यादा प्रदूषण बर्दाश्त करना पड़ता है। आसपास के राज्यों की सरकारों ने उन किसानों के लिए कुछ भी नहीं किया। इसलिए किसानों को पराली जलाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। 
 
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर इस बार एक अहम कदम उठाया है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सारे खेतों के अंदर पूसा इंस्टीट्यूट ने जो बॉयो डीकंपोजर केमिकल बनाया है, उसका छिड़काव किया। हम लोगों ने किसानों के खेतों में केमिकल का छिड़का बीते 13 अक्टूबर को किया था और आज 4 नवंबर है। आज यहां पर हम देख रहे हैं कि खेत में पूरा पराली गल चुकी है और पूरी तरह से खाद में बदल चुकी है। अब किसान अपने खेत में बुवाई का काम कर सकते हैं।
सस्ता समाधान : केजरीवाल ने कहा बॉयो डीकंपोजर केमिकल से पराली का समाधान संभव है और यह समाधान काफी सस्ता है और इतना अच्छा समाधान है कि इस केमिकल के इस्तेमाल से पराली खेत में गलकर अब खाद में बदल रही है। मैं उम्मीद करता हूं कि यह आखरी साल होगा, जब हम पराली की वजह से प्रदूषण बर्दाश्त कर रहे हैं। अब किसानों को परेशान करने का किसी सरकार के पास कोई बहाना नहीं है। किसान पराली की वजह से बहुत दुखी हो चुके हैं, वो पराली नहीं जलाना चाहते हैं। मेरी पंजाब और हरियाणा के बहुत किसानों से बात हुई है, वो पराली नहीं जलाना चाहते हैं। अब हमें पराली का समाधान मिल गया है। 
 
सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे : केजरीवाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को भी बताएंगे कि यह समाधान बहुत ही प्रभावशाली है। पूसा इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने भी कहा है कि वे बॉयो डीकंपोजर केमिकल के परिणाम से बहुत ही संतुष्ट हैं। इसलिए अब पराली का समाधान है। अब सभी सरकारों को दिल्ली की तरह ही पराली का समाधान करना चाहिए। पराली का समाधान करने की अब सरकारों की जिम्मेदारी है, अब कोई सरकार यह बहाना नहीं बना सकती है कि हमारे पास समाधान नहीं है। यह समाधान इतना सस्ता है कि दिल्ली के अंदर केवल 20 लाख रुपए की लागत से ही पूरे दिल्ली में बायो डीकंपोजर केमिकल का छिड़काव हो गया है, यह लागत ज्यादा नहीं है। 

मुफ्त में छिड़काव : गोपाल राय ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार और हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश की सरकारों ने समय पर दिल्ली सरकार की तरह पराली से निपटने को लेकर कदम उठाया होता और लापरवाही नहीं बरती होतीं तो दिल्ली के लोगों को इस करोना काल में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का जहर नहीं पीना पड़ता, क्योंकि दिल्ली के प्रदूषण में लगभग 40 प्रतिशत योगदान पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में जलाई जाने वाली पराली का ही है।

उन्होंने आगे कहा कि जब दिल्ली सरकार केन्द्रीकृत व्यवस्था करके, बायो डीकंपोजर का दिल्ली के खेतों में निःशुल्क छिड़काव करवा सकती है, तो केन्द्र सरकार और संबंधित राज्यों की सरकारें क्यों नहीं कर सकतीं हैं? पर्यावरण मंत्री ने बताया कि जिस आयोग का गठन केन्द्र सरकार ने किया है, उसका पहला कार्य यह होना चाहिए कि पराली से निपटने के लिए बायो डीकंपोजर का संबंधित राज्यों में छिड़काव की प्रभावशाली नीति बनाए और उसे कार्यान्वित करे।
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