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Last Updated : शनिवार, 27 मार्च 2021 (21:18 IST)

दिल्ली सरकार ने जारी की 'अंतर मत' वाले जोड़ों के लिए SoP

दिल्ली सरकार ने जारी की 'अंतर मत' वाले जोड़ों के लिए SoP - Delhi government issues SOP for interfaith couples
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने अंतर मत वाले (इंटरफेथ) और अंतर जातीय (अलग-अलग जातियों के) जोड़ों को उत्पीड़न और धमकियों से बचाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है और ऐसे मामलों को देखने के लिए पुलिस उपायुक्तों की अगुवाई में ‘विशेष प्रकोष्ठ’ गठित करने का निर्देश दिया है।

एसओपी के मुताबिक, सरकार ऐसे जोड़ों को अपने ‘सुरक्षित गृहों’ में आवास मुहैया कराएगी जिनके रिश्तों का उनके परिवार या स्थानीय समुदाय या खाप विरोध कर रहे हैं। सरकार ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग की मौजूदा टोल फ्री महिला हेल्पलाइन 181 पर ही अंतर-मत वाले और अंतरजातीय जोड़े धमकी और उत्पीड़न की शिकायत कर सकते हैं और उन्हें यहीं से जरूरी सहायता मिलेगी।

समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी एसओपी में कहा गया है कि टेलीकॉलर को परेशानी बताने वाली फोन कॉल का प्रबंध करने में प्रशिक्षित किया गया है और उन्हें जरूरी सेवाओं की जानकारी है, जो परेशानी का सामना कर रहे जोड़े को जरूरी सहायता या सलाह के रूप में उपलब्ध कराई जा सकती है।

एसओपी के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर उन्हें ऐसी कॉल का प्रबंध करने के लिए और प्रशिक्षित किया जा सकता है।उसमें कहा गया है कि जोड़े को सुनने के बाद संबंधित इलाके के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जो ‘विशेष प्रकोष्ठ’ के प्रमुख के तौर पर काम करेंगे। वह सारे तथ्य जिलाधिकारी के संज्ञान में लेकर आएंगे और ‘सुरक्षित घर’ के लिए उनकी जरूरत बताएंगे।

इस हफ्ते के शुरू में, कथित अंतर मत शादी की वजह से दक्षिण पूर्वी दिल्ली की हरिजन बस्ती में हिंसा भड़क गई थी। दिल्ली पुलिस ने घटना के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है। विभाग ने एसओपी में कहा, जोड़े को पीएसओ के रूप में पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी और ‘सुरक्षित गृह’ की सुरक्षा संबंधित डीसीपी द्वारा की जाएगी।उसमें कहा गया है, जोड़ा धमकी के बारे में उन्हें बताएं।अगर जोड़ा ‘सुरक्षित गृह’ में नहीं रहना चाहता है तो विशेष प्रकोष्ठ उनके रहने के स्थान पर उन पर खतरे की धारणा के अनुसार, उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगा।

यदि शुरुआती जांच में खतरों की सत्यता का पता चलता है, तो संबंधित डीसीपी, सहायक पुलिस आयुक्त एसीपी या उपमंडल पुलिस अधिकारी को निर्देश देगा कि वे जोड़े को धमकी देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें।

विभाग के मुताबिक, सरकार ने उत्तरी दिल्ली के किंग्सवे कैंप में सरकारी आवासीय क्षेत्र में 'सुरक्षित गृह' स्थापित किया है, जिसमें अधिकतम तीन जोड़े रह सकते हैं।(भाषा)