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मेरठ में लॉकडाउन ने बच्चों की 'मीठी ईद' को कर डाला 'फीका'

मेरठ में लॉकडाउन ने बच्चों की 'मीठी ईद' को कर डाला 'फीका' - Children in Meerut will wear clothes on the last Eid
- हिमा अग्रवाल 
 
मेरठ। ईद के दिन का नज़ारा हर वर्ष बस देखते ही बनता था...बच्चों के चेहरे पर मुस्कान, गुलज़ार बाज़ार और हर ओर ईद मुबारक की गूंज। कोई नया कपड़ा लेकर ख़ुश होता है तो कोई हामिद अपनी दादी के लिए चिमटा लेकर ख़ुश होता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के बीच ईद का त्योहार मनाया जाएगा। कोरोना के खिलाफ जंग की वजह से बाज़ार सुनसान हैं। शहर काजी शफीकुर्रहमान का कहना है कि इस बार लोग घरों पर ही ईद की नमाज़ पढ़ें और ऑनलाइन ही उनकी तकरीर सुने।
 
कोई भी त्योहार बच्चों के चेहरे पर मुस्कान की वजह से जाना जाता है, लेकिन इस बार साल भर ईद का इंतज़ार करने वाले बच्चे ये कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि हम कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, लिहाज़ा वो पिछली ईद के कपड़े पहनेंगे और घर पर ही नमाज़ पढ़ेंगे। 
 
दूसरी तरफ बड़ों का कहना है कि दो महीने से व्यापार ठप्प है, इसलिए मीठी ईद फीकी हो गई है। रोज़ों के दौरान हर रोज़ बस यही दुआ की गई कि कोरोना वायरस का खात्मा हो। इस बार ईद की नमाज़ में भी यही दुआ की जाएगी कि ऊपर वाले इंसान की रक्षा करें।
लॉकडाउन 4.0 के साथ सरकार ने छूट के लिए नई गाइडलाइन जरूर जारी की है लेकिन मेरठ में लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों के कारण प्रशासन सख्ती में ढील देने के मूड में नहीं है। 25 मई को ईद का त्योहार मनाया जाएगा। शहर काजी सहित अन्य उलमाओं ने ईद की नमाज घरों पर अदा करने की अपील की है। 
 
धर्म गुरुओं का कहना है कि पूरे देश और दुनिया में कोरोना ने कहर बरपा रखा है, ऐसे में प्रशासन का साथ देने के लिए लोगों को हमेशा साथ खड़ा होना है। उन्होंने जरूरतमंदों की मदद करते हुए ईद का त्योहार मनाने की अपील की। मौलानाओं ने कहा कि समाज की भलाई के लिए प्रशासन के नियमों का सख्ती से पालन करें।