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Written By विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 23 जुलाई 2019 (09:25 IST)

ब्रांडेड कंपनियों को भी केमिकल वाले नकली दूध की होती थी सप्लाई, सनसनीखेज खुलासा, फॉरेंसिक जांच की तैयारी

ब्रांडेड कंपनियों को भी केमिकल वाले नकली दूध की होती थी सप्लाई, सनसनीखेज खुलासा, फॉरेंसिक जांच की तैयारी - Chemical Milk, Sensational Disclosures,
भोपाल। मध्यप्रदेश में नकली दूध के काले कारोबारी ब्रांडेड कंपनियों में भी जानलेवा केमिकल दूध की सप्लाई करते थे। यह सनसनीखेज खुलासा नकली दूध के इस गोरखधंधा का खुलासा करने वाली एसटीएफ की शुरुआती जांच में हुआ है। 
 
वेबदुनिया से बात करते हुए एसटीएफ एसपी राजेशसिंह भदौरिया ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया हैं कि टैंकरों से कई नामी कंपनियों को दूध सप्लाई किया गया है और शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि स्थानीय स्तर पर सेंटिग कर बड़ी-बड़ी नामी कंपनियों को भी नकली दूध की सप्लाई होती थी।
 
इस खुलासे के बाद अब एसटीएफ की जांच इस दिशा में भी आगे बढ़ा रही है कि किस स्तर पर ब्रांडेड कंपनियों को दूध की सप्लाई की गई और अगर सप्लाई तो कौन-कौन इस शामिल है। एसटीएफ एसपी साफ कहते हैं कि अगर इस मामले में कोई भी दोषी हुआ तो उसको बख्शा नहीं जाएगा।
फॉरेंसिक जांच की तैयारी : नकली दूध के आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए और साक्ष्य को और मजबूत बनाने के लिए एसटीएफ बरामद नकली दूध की फॉरेंसिक जांच कराने जा रही है।
 
सामान्य तौर पर क्राइम केस में होने वाली फॉरेंसिक जांच का सहारा पहली बार एसटीएफ इस तरह के मामलों में लेने जा रही है।
 
वेबदुनिया से बातचीत में एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया कहते हैं कि दूध में किस स्तर के जीवन को नुकसान पहुंचाने वाले खतरनाक कैमिकल मिलाए गए है, इसके लिए नकली दूध की फॉरेसिंक जांच कराई जा रही है जिससे केमिकल एनलिसिस कर पूरे मामले की सही जांच हो सके।
 
वे कहते हैं कि फूड विभाग जो जांच करता है वह सामान्य जांच होती है, फूड लेबोरेटी में केवल दूध के बेसिक कंटेट की जांच होती है लेकिन फॉरेंसिक जांच से किस स्तर के खतरनाक केमिकल मिलाए गए हैं, इसकी जांच हो जाएगी।   
 
पांच राज्यों तक फैला नेटवर्क : एसटीएफ जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि नकली दूध का यह गोरखधंधा मध्यप्रदेश के कई जिलों के साथ उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली तक फैला हुआ था।
 
एसटीएफ की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उत्तर भारत में नकली दूध का यह काला नेटवर्क बड़े पैमाने पर काम कर रहा था और यह धड़ल्ले से नकली दूध की सप्लाई करता था। इसके साथ भोपाल और इंदौर तक गिरोह नकली दूध और मावा की सप्लाई करता था।
 
कैसे हुआ खुलासा : भिंड और मुरैना में बड़े पैमाने नकली दूध बनाए जाने की सूचना एसटीएफ को मिली। इस सूचना के बाद 20 टीमें बनाकार पूरे मामले की जांच शुरू की गई फिर एक साथ छापा मारा गया।

छापे में बड़े पैमाने केमिकल युक्त सिंथेटिक दूध, मावा, पनीर बरामद हुआ। छापे के दौरान एसटीएफ को मौक से बड़ी मात्रा में केमिकल मिला जो जीवन के लिए खतरनाक हैं। एसटीएफ ने इस मामले में भोपाल में दो एफआईआर दर्ज कर अब तक 62 लोगों को आरोपी बनाया है।
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