कश्मीर विधानसभा में राष्ट्रगान का अपमान
श्रीनगर। कश्मीर विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जमकर हुए हंगामे में उस समय सभी स्तब्ध रह गए जब विपक्ष ने राष्ट्रगान का ‘अनादर’ करते हुए राष्ट्रगान के दौरान भी सरकार विरोधी नारेबाजी को जारी रखा।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामे से शुरू हुआ। सत्र के शुरू होते ही विपक्षी दल हंगामा करने लगे और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। विपक्षी नेताओं का हंगामा इतना जोरदार था कि वो राष्ट्रगान में के दौरान भी नहीं रुके और शोर मचाते रहे। इतना ही नहीं, विपक्षी दलों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी शोर किया और रोकने की कोशिश की, जिसके बाद राज्यपाल को अपना अभिभाषण संक्षिप्त करना पड़ा।
6 फरवरी तक चलने वाले इस सत्र में विपक्ष पीडीपी-भाजपा सरकार के खिलाफ लामबंद हो गया है। विपक्ष सरकार को कश्मीर में हुई हिंसा के साथ-साथ वेस्ट पाकिस्तानी शरणार्थियों को राज्य नागरिकता देने के मामले से लेकर आम जनता को हो रही दिक्कतों पर घेरने की कोशिश में जुटा है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बजट सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। विपक्षी पार्टियों के इस हंगामे के दौरान राष्ट्रगान की गरिमा का भी ख्याल नहीं रखा गया। भाजपा का कहना है कि सदन में राष्ट्रगान बजने के दौरान भी विपक्षी पार्टियों ने अपना विरोध जारी रखा। भाजपा विधायक रवीन्द्र रैना ने विपक्षियों सहित राज्यपाल पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगाया है और उनसे माफी की मांग की है।
भाजपा के विधायक रैना ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने सदन में हंगामा किया जब राष्ट्रगान बज रहा था, यहां तक की राज्यपाल भी राष्ट्रगान के दौरान सदन से बाहर चले गए। यह राष्ट्रगान का बहुत बड़ा अपमान है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल के भाषण के दौरान ही विपक्षियों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख राज्यपाल को अपना भाषण बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा।
रवीन्द्र ने कहा कि राष्ट्रगान का अपमान करने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस और राज्यपाल को माफी मांगनी चाहिए, वहीं राज्य के मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि विपक्षियों को लगता है जैसे सदन में नारे लगाना ही एक तरीका बच गया है।
आज से शुरू हुआ बजट सत्र महबूबा मुफ्ती के लिए काफी चुनौती भरा नजर आ रहा है। रविवार को उमर अब्दुल्ला के आवास पर हुई बैठक में विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए एकजुटता दिखाई थी। इस बैठक में उमर अब्दुल्ला के अलावा नेकां के नेता शामिल हुए, जबकि कांग्रेस की तरफ से प्रदेशाध्यक्ष गुलाम अहमद मीर, विधायक दल के नेता नवांग रिगझिन जोरा और अन्य शामिल रहे।
मीर के अनुसार पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार नाकाम रही है। जनआकांक्षाओं को गहरा झटका लगा है। ऐसे में विपक्ष अपनी जिम्मेदारी को निभाएगा। एकजुट होकर विपक्ष सरकार को घेरेगा। हालांकि मीर के अनुसार जिन मुद्दों पर दोनों पार्टियों में आम राय नहीं होगी, उन मुद्दों पर दोनों दल पार्टी लाइन पर काम करेंगे। मौजूदा सत्र में कश्मीर हिंसा पर हंगामा होने के भी आसार हैं।