सूत्रों का कहना है कि इसका निर्माण पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए किया था। जानकारी के अनुसार हीरानगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अब पंजाब से सटे पानसर और पहाड़पुर के बीच जीरो लाइन और तारबंदी के बीच टनल मिली है। हीरानगर में 10 दिन के बीच में पाकिस्तान से की ओर से खोदी गई की दूसरी टनल मिलने का मामला है। 4 दिन पहले इसी स्थान पर मिला था एक बड़ा गड्ढा। जांच के लिए मौके पर अधिकारी पहुंच गए हैं। इससे पहले बोबिया क्षेत्र में 13 जनवरी को 150 मीटर लंबी टनल मिली थी।
अधिकारी कहते हैं कि सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार सुरंगें खोदने के लिए पाकिस्तान पेशेवर इंजीनियरों की मदद ले रहा है। इसी वजह से सैकड़ों मीटर लंबी सुरंगों को खोदने पर भी इसकी भनक नहीं लग रही। हालांकि बीएसएफ के एंटीटनल अभियान ने आरएस पुरा, सांबा से लेकर हीरानगर सेक्टर तक सुरंगों को खोजने में सफलता हासिल की है।
इंटरनेशनल बॉर्डर पर 2012 से अब तक 12 सुरंगों का पता लगाया जा चुका है। वर्ष 2012 और 2014 में अखनूर सेक्टर में 2 सुरंगों का पता लगाया गया था। इसके अलावा 2013 में सांबा सेक्टर में एक सुरंग मिली थी। वर्ष 2016 में 2 और 2017 में भी 2 सुरंगें मिली थीं।
जानकारी के लिए वर्ष 2016 में ही मार्च में भी बीएसएफ ने आरएसपुरा सेक्टर में 1 सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया था। अखनूर सेक्टर में भी यही हुआ था। आरएस पुरा सेक्टर में मिली सुरंग 22 फीट लंबी थी। इसे बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था।
जानकारी के लिए वर्ष 2016 में ही मार्च में भी बीएसएफ ने आरएसपुरा सेक्टर में 1 सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया था। अखनूर सेक्टर में भी यही हुआ था। आरएस पुरा सेक्टर में मिली सुरंग 22 फीट लंबी थी। इसे बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था।
वर्ष 2016 के दिसंबर महीने में भी बीएसएफ को जम्मू के चमलियाल में 80 मीटर लंबी और 2 गुना 2 फीट की 1 सुरंग मिली थी, तब बीएसएफ ने कहा था कि सांबा सेक्टर में मारे गए 3 आतंकियों ने इसी का इस्तेमाल किया था। फरवरी 2017 में भी रामगढ़ सेक्टर में 1 सुरंग का पता लगाया गया था। उसका एक सिरा भारत और दूसरा पाकिस्तान में था। अक्टूबर 2017 में अरनिया सेक्टर में भी 1 सुरंग मिली थी। सुरंगें मिलने वाले स्थान से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग करीब 10 किमी की दूरी पर है और रेल लाइन 3 से 4 किमी की दूरी पर है।