Gujarat में एक ही परिवार के 7 सदस्यों की बैरियाट्रिक सर्जरी, नई तकनीक से कोरोना का खतरा भी कम
अहमदाबाद। यह दुनिया में संभवत: इस तरह का पहला मामला है कि एक ही अस्पताल में 24 घंटे के अंदर एक ही परिवार के 7 सदस्यों ने बैरियाट्रिक सर्जरी करवाई है।
भावनगर के एक परिवार के 7 सदस्यों ने 19 मार्च को अहमदाबाद में स्थित एशियन बैरियाट्रिक्स अस्पताल में बैरियाट्रिक सर्जरी करवाई। आनुवांशिक कारकों की वजह से मोटापा एवं जीवनशैली इसका मुख्य कारण था।
बैरियाट्रिक सर्जन डॉ. महेंद्र नरवारिया द्वारा विकसित की गई नई तकनीक और नवाचार के कारण यह उपलब्धि संभव हुई है। इसमें सर्जरी के 24 घंटे के भीतर मरीजों को डिस्चार्ज की अनुमति मिलती है, जिससे उन्हें कोविड-19 संक्रमण होने का खतरा कम होता है।
7 सदस्यों के इस परिवार के अलावा चार अन्य मरीजों का भी इसी अवधि में ऑपरेशन किया गया था। उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने भी पिछले महीने अस्पताल में इसी तरह की सर्जरी कराई थी।
एशियन बैरियाट्रिक्स के मुख्य बैरियाट्रिक सर्जन और अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नरवारिया ने कहा कि एक ही परिवार के सात सदस्यों की बेरियाट्रिक सर्जरी अनसुनी एवं अभूतपूर्व घटना है और यह संभवत: इस तरह का दुनिया में पहला मामला है।
डॉ. नरवारिया द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान विकसित की गई एक नई तकनीक के कारण यह अद्वितीय और दुर्लभ उपलब्धि संभव हो पाई, जो दर्दरहित सर्जरी एवं जल्दी स्वस्थ होने के साथ आहार पुन: शुरू करने और गतिपूर्वक डिस्चार्ज की अनुमति देती है।
पहले की लगभग डेढ़ से दो घंटे की प्रक्रिया की तुलना में नई तकनीक से सर्जरी सिर्फ 30-45 मिनट में पूरी हो जाती है और मरीज केवल 2 घंटे में फिर से चलने में सक्षम होते हैं। पहले की सर्जरी प्रक्रिया में दूसरे दिन मौखिक सेवन शुरू किया जाता था जबकि इसकी तुलना में इस नई तकनीक से सर्जरी के केवल चार घंटे बाद और 24 घंटों के भीतर मरीज मौखिक सेवन फिर से शुरू कर सकता है।
डॉ. नरवारिया ने कहा कि इससे पहले भर्ती होने से लेकर डिस्चार्ज होने तक पूरी प्रक्रिया में 3 से 5 दिन लगते थे, लेकिन सर्जिकल प्रक्रिया में संशोधन के साथ इस नई विकसित तकनीक के जरिए सुरक्षा पर समझौता किए बिना एक ही दिन में मरीज को डिस्चार्ज किया जा सकता है। हमने बीते एक साल के दौरान ऐसी करीब 100 सर्जरी की हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस नई तकनीक की सर्जरी प्रक्रिया में अस्पताल में कम से कम समय रहने के कारण हम मरीजों को कोविड-19 संक्रमण के जोखिम को कम करने में सक्षम बने हैं। इसके अलावा मोटापा कोविड से संबंधित जटिलताओं के लिए एक बड़ा जोखिम कारक है क्योंकि मोटे लोगों में कॉ-मोर्बिडिटी(साथ के अन्य रोग) होने की संभावना अधिक होती है।
हमने यह भी देखा है कि जिन लोगों की बैरियाट्रिक सर्जरी हुई है, उन्हें कोविड की जटिलता का खतरा कम होता हैं। बीते सप्ताह सर्जरी के बाद इन 7 सदस्यों का वजन 3 से 6 किलोग्राम घटा है। उनमें से 5 मधुमेह के रोगी थे किन्तु संयोग से बैरियाट्रिक सर्जरी के कारण उन्हें इसमें से मुक्ति मिली, उनमें से दो सिरोसिस ऑफ लीवर से भी पीडि़त थे।
परिवार के 7 सदस्य उनकी नियमित जांच के लिए अस्पताल आए तब उन्होंने कहा कि वे सर्जरी के बाद बहुत बेहतर और स्वस्थ महसूस कर रहे थे। उन्हें ऐसा भी नहीं लगा कि हाल ही में उनकी कोई सर्जरी हुई है।