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Last Modified: मुंबई , सोमवार, 4 नवंबर 2024 (23:33 IST)

महाराष्ट्र में कुछ बागी माने, कुछ अब भी डटे, 288 सीटों के लिए 4140 उम्मीदवार मैदान में

महाराष्ट्र में कुछ बागी माने, कुछ अब भी डटे, 288 सीटों के लिए 4140 उम्मीदवार मैदान में - After withdrawal of nominations, 4104 candidates will contest elections in Maharashtra
Maharashtra Assembly Elections 2024: सोमवार को नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने के बाद महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए कुल 4,140 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं। मतदान 20 नवंबर को होगा, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
 
राज्य के मुख्य निर्वाचन कार्यालय के अधिकारी ने कहा कि हमें 288 सीटों के लिए 7,078 वैध नामांकन पत्र मिले। इनमें से 2938 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस ले लिया है, जिससे 4140 उम्मीदवार मैदान में हैं। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव के लिए 4140 उम्मीदवारों का आंकड़ा 2019 के विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 3239 उम्मीदवारों से 28 प्रतिशत अधिक है।
 
नंदुरबार की शहादा सीट पर सिर्फ तीन उम्मीदवार हैं, जबकि बीड की माजलगांव सीट पर 34 उम्मीदवार हैं। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई की 36 सीटों पर 420 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे, जबकि पुणे जिले की 21 सीटों पर 303 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। ALSO READ: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, महाराष्ट्र की DGP रश्मि शुक्ला को हटाया, कांग्रेस ने की थी शिकायत
 
मधुरिमा राजे ने नाम वापस लिया : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया समाप्त होने से कोल्हापुर उत्तर सीट पर कांग्रेस को निराशा हाथ लगी, क्योंकि उसकी उम्मीदवार मधुरिमा राजे छत्रपति ने अपना नाम वापस ले लिया, जबकि भाजपा मुंबई के बोरीवली से गोपाल शेट्टी को मनाने में सफल रही।
 
महायुति का सिरदर्द बरकरार : महायुति के लिए हालांकि सिरदर्द बरकरार रहा क्योंकि मुंबई के माहिम विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना उम्मीदवार सदा सरवणकर ने पार्टी नेतृत्व के दबाव के बावजूद अपना नाम वापस लेने से इनकार कर दिया। उनका मुकाबला महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे से होगा। ठाकरे को भाजपा का समर्थन हासिल है, जो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सत्तारूढ़ महायुति में एक घटक है। ALSO READ: शाइना एनसी पर विवादित टिप्पणी से गरमाई महाराष्ट्र की सियासत, अरविंद सावंत ने मांगी माफी
 
कोल्हापुर में, सतेज पाटिल ने मधुरिमा राजे छत्रपति के दौड़ से बाहर होने पर निराशा व्यक्त की। उनके नाम वापस लेने से कांग्रेस पश्चिमी महाराष्ट्र के अपने गढ़ों में से एक में प्रतिनिधित्व के बिना रह गई। नाराज पाटिल ने कहा कि अगर उनमें साहस नहीं था तो उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए था। मैं अपनी ताकत दिखा देता।
 
यह झटका तब लगा जब कांग्रेस ने इस सीट पर अपने पूर्व उम्मीदवार पूर्व पार्षद राजेश लाटकर को बदल दिया और उन्हें नामांकित किया, क्योंकि पार्टी कार्यालय में पूर्व पार्षद के विरोधियों द्वारा तोड़फोड़ की गई थी। मधुरिमा राजे छत्रपति कोल्हापुर सीट से लोकसभा सदस्य और शाही परिवार के सदस्य शाहू छत्रपति की बहू हैं।
 
सूत्रों ने कहा कि लाटकर को नजरअंदाज किए जाने के कारण नकारात्मक प्रचार की वजह से वह शायद इस दौड़ से अलग हो गई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लाटकर का समर्थन कर सकती है, जो निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। लाटकर ने कहा कि पार्टी द्वारा मेरी उम्मीदवारी बदलने से पहले मुझसे परामर्श नहीं किया गया, जिसके कारण मुझे निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ना पड़ा।”
 
मां ने बेटे के लिए छोड़ी सीट : अहिल्यानगर के श्रीगोंडा विधानसभा सीट से भाजपा की आधिकारिक उम्मीदवार प्रतिभा पाचपुते, जो मौजूदा विधायक बबनराव पाचपुते की पत्नी हैं, ने अपना नामांकन वापस ले लिया और अपने बेटे विक्रमसिंह पाचपुते की ओर से एबी फॉर्म दाखिल किया। विक्रमसिंह राज्य भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं।एक भाजपा नेता ने कहा कि हमने विक्रमसिंह पाचपुते को उनकी मां के अनुरोध पर एबी फॉर्म दिया है। वह पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे।  ALSO READ: BJP अकेले नहीं जीत सकती महाराष्ट्र चुनाव, ऐसा क्यों बोले देवेन्द्र फडणवीस
 
भाजपा को राहत : भाजपा को उस समय राहत मिली जब पूर्व सांसद शेट्टी ने बोरीवली से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन वापस ले लिया और घोषणा की कि वह पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार संजय उपाध्याय का समर्थन करेंगे। शेट्टी ने 2014 और 2019 में 4 लाख से अधिक के अंतर से मुंबई उत्तर लोकसभा सीट जीती थी, लेकिन 2024 में उन्हें विधानसभा के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया गया था।
 
शेट्टी ने यह दावा करते हुए बगावत कर दी थी कि भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक इस सीट पर पिछले कई वर्षों से बाहरी उम्मीदवारों को टिकट दिया जा रहा है, जबकि स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ नेतृत्व की संवादहीनता पर भी चिंता जताई थी।
 
मान गए नाना : भाजपा पुणे जिले की चिंचवाड़ सीट से बागी नाना काटे को मनाने में भी कामयाब रही, जिससे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार शंकर जगताप का इस सीट पर राकांपा (शरदचंद्र पवार) के राहुल कलाटे के खिलाफ सीधे मुकाबले का रास्ता साफ हो गया है।
 
अहिल्यानगर जिले की शिरडी सीट पर भाजपा उम्मीदवार और राज्य के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल अपने पार्टी सहयोगी राजेंद्र पिपाड़ा को चुनाव न लड़ने के लिए राजी नहीं कर सके। विखे पाटिल की खुलेआम आलोचना करने वाले पिपाड़ा ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बातचीत के बाद भी अपना रुख नहीं बदला।
 
कांग्रेस के शेख भी माने : कांग्रेस के मुख्तार शेख ने पुणे के कस्बा पेठ विधानसभा क्षेत्र से नामांकन वापस ले लिया और पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रवींद्र धांगेकर को समर्थन देने की घोषणा की। पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि सोमवार को कांग्रेस के 7 बागी नेताओं ने अपना नाम वापस ले लिया। इनमें नासिक सेंट्रल से हेमलता पाटिल, भायखला से मधु चव्हाण और नंदुरबार से विश्वनाथ वाल्वी शामिल हैं।
 
देवलाली से शिवसेना उम्मीदवार राजश्री अहेराव और डिंडोरी (जिला नासिक) से धनराज महाले, जो अपने एबी फॉर्म (पार्टी से मिलने वाला आवश्यक चुनाव दस्तावेज) को विशेष विमान से भेजे जाने के बाद सुर्खियों में आए थे, ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया। महायुति के सीट बंटवारे के समझौते के तहत आधिकारिक तौर पर सहयोगी अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को सीट आवंटित किए जाने के बावजूद शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दोनों को मैदान में उतारा था। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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