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Last Updated : सोमवार, 10 मई 2021 (07:59 IST)

West Bengal : ममता बनर्जी के कैबिनेट का शपथ ग्रहण आज, टीम में शामिल होंगे 43 मंत्री, इन नए चेहरों को मिल सकता है मौका

West Bengal : ममता बनर्जी के कैबिनेट का शपथ ग्रहण आज, टीम में शामिल होंगे 43 मंत्री, इन नए चेहरों को मिल सकता है मौका - 43 TMC leaders, including 17 new faces, to be sworn in as ministers in West Bengal
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आज राजभवन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पुराने वफादार और कुछ नए चेहरों के शपथ लेने की संभावना है।
 
तृणमूल कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया कि 19 राज्य मंत्रियों सहित कुल 43 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। मंत्रियों में अमित मित्रा को भी जगह मिलने की संभावना है। वे वित्त मंत्री थे लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण चुनावी मुकाबले में नहीं उतरे थे।
 
सूत्र ने बताया कि सुब्रत मुखर्जी, पार्थ चटर्जी, फरहाद हाकिम, ज्योति प्रिया मलिक, मोलोय घटक, अरूप बिस्वास, डॉ शशि पंजा और जावेद अहमद खान कैबिनेट मंत्री बनाए जाएंगे। कुल 24 कैबिनेट मंत्री होंगे। नए चेहरों में हुमायूं कबीर, मनोज तिवारी और सिउली साहा मंत्री बनाए जा सकते हैं।

राज्यपाल ने सीबीआई को केस चलाने की मंजूरी दी : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक अनुरोध पर फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ मामला चलाने की मंजूरी दे दी है। ये सभी उस समय मंत्री थे जब कथित नारदा स्टिंग टेप सामने आया था। यह जानकारी राज भवन के एक अधिकारी ने रविवार को दी।
 
विशेष कार्याधिकारी (संचार) राजभवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि माननीय राज्यपाल कानून के संदर्भ में मंजूरी प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं क्योंकि वे संविधान के अनुच्छेद 164 के संदर्भ में ऐसे मंत्रियों की नियुक्ति प्राधिकारी हैं। ये चारों 2014 में तब ममता बनर्जी कैबिनेट में मंत्री थे जब टेप कथित तौर पर बनाए गए थे।
 
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में हकीम, मुखर्जी और मित्रा तृणमूल कांग्रेस के फिर से विधायक चुने गए हैं, जबकि भाजपा में शामिल होने के लिए टीएमसी छोड़ चुके चटर्जी ने दोनों पार्टियों के साथ संबंध तोड़ लिए हैं।
 
बयान में कहा गया है कि चार नेताओं के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी धनखड़ द्वारा तब दी गई जब ‘सीबीआई ने एक अनुरोध किया और मामले से संबंधित सभी दस्तावेज मुहैया कराये और माननीय राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 163 और 164 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया, क्योंकि वह इस तरह की मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं।
 
नारद स्टिंग टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले सार्वजनिक किए गए थे। दावा किया गया था कि इन्हें 2014 में बनाया गया था और इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कथित रूप से वादा किए गए अनुग्रहों के बदले में एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से धन प्राप्त करते दिखाया गया था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारद न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल द्वारा किया गया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।(भाषा)
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