बीकानेर। चुनावी सीजन के साथ ही देवउठनी ग्यारस से शादी समारोह की शुरुआत हुई, लेकिन शादियों की शहनाई में विधानसभा चुनाव प्रचार लेकर 1 दिसंबर को होने वाले मतदान तक समारोह करने वाले लोगों के लिए टेंशन बनी रहेगी।
आदर्श आचार संहिता के प्रभाव शादी समारोह की रौनक को फीकी कर सकती है। निर्धारित समय के बाद डीजे, बैंडबाजों की ध्वनि आदि पर पाबंदी के चलते शादी के उत्सवों की रौनक प्रभावित हो सकती है। इस दौरान नेता व प्रत्याशी निर्वाचन आयोग की नजर के चलते अपने परिचित व रिश्तेदारों को विवाह समारोह में नकद व महंगे उपहार भी नहीं दे सकेंगे। आदर्श आचार संहिता के दौरान शादी समारोहों को लेकर आयोजकों को कई तरह की चिंताएं हैं।
यही हाल इस दौरान मांगलिक कार्यों के आयोजन का है। आम आयोजक ही नहीं राजनीतिक दलों से जुड़े नेता व प्रत्याशियों के लिए भी इस दौरान होने वाले मांगलिक आयोजनों में शामिल होना और उपहार का लेनदेन झंझट से कम नजर नहीं आ रहा। ऐसे में उन्हें वैवाहिक रस्म सहित अन्य कार्यक्रमों में आदर्श आचार संहिता के दायरे में रहते हुए शिरकत करनी पड़ेगी।