बीकानेर। राजस्थान विधानसभा के एक दिसंबर को होने वाले चुनाव में श्रीगंगानगर में प्रसिद्ध उद्योगपति बजरंग दास अग्रवाल की नवगठित पार्टी जमींदारा पार्टी से उनकी पुत्री कामिनी जिंदल के चुनाव मैदान में उतरने से त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है।
जिंदल पहली बार चुनाव लड़ते हुए भाजपा के उम्मीदवार राधेश्याम और कांग्रेस के जगदीश जांदू को कड़ी चुनौती पेश कर रही हैं। कांग्रेस ने इस बार प्रत्याशी बदलते हुए जगदीश जांदू को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने पिछले चुनाव में जीते विधायक राधेश्याम पर फिर भरोसा जताया है।
राधेश्याम गत चुनाव 2008 से पहले चालीस साल तक कांग्रेस में रहे। वे वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव में भाजपा के सुरेंन्द्र सिंह राठौड़ से चुनाव हार गए तो वर्ष 2008 में कांग्रेस ने उनका टिकट काटकर राजकुमार गौड़ को दे दिया था।
इससे नाराज राधेश्याम ने भाजपा का दामन थाम लिया और भाजपा ने उन्हें टिकट देकर राजकुमार गौड़ के सामने चुनाव मैदान में उतारा जिसमें उन्होंने गौड़ को 12 हजार मतों से हराकर एक बार फिर विधायक बने। राधेश्याम पिछले 33 वर्षों में पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और इस दौरान तीन बार चुनाव हारे। वर्ष 1993 में वे उस समय चर्चा में आए जब उनके सामने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरोसिंह शेखावत अपने क्षेत्र के अलावा यहां से भी चुनाव लड़े और तीसरे स्थान पर रहे।
गंगानगर में प्रोफेसर केदारनाथ शर्मा सर्वाधिक लोकप्रिय विधायक रहे हैं जिनके लिए दल कोई मायने नहीं रखता था। वह वर्ष 1962 से लेकर 1990 तक निर्दलीय और अलग दलों से छह बार चुनाव लड़े और हर बार जीते। वे सन् 1980 में चुनाव नहीं लड़े तो राधेश्याम कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़कर जीते लेकिन इसके बाद 1985 और 1990 में हुए चुनावों में उन्हें प्रो. शर्मा के हाथों शिकस्त मिली।
इस दौरान प्रो. शर्मा दो बार मंत्री भी बने। वर्ष 1993 में चुनाव से पहले प्रो. शर्मा का निधन हो गया तब राधेश्याम फिर से चुने गए। इसके अलावा यहां से जाट और राजपूत नेता भी चुने जा चुके हैं जबकि यहां पंजाबी खासकर अरोड़ा समुदाय की संख्या सर्वाधिक है, जो हार-जीत में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं।
मौजूदा चुनाव में इस बार क्षेत्र के चर्चित उद्योगपति ग्वार के एशिया के सबसे बड़े कारोबारी बजरंग दास अग्रवाल ने अपनी नवगठित पार्टी जमींदारा पार्टी का गठन कर के बीकानेर संभाग के अलावा राज्य के कई जिलों में 21 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं।
इससे पहले उन्होंने आजादी से पूर्व के क्षेत्र के सम्मानित किसान नेता सर छोटूराम चौधरी के सम्मान में कई आयोजन कर उनकी स्मृति को जीवंत किया और उनको आदर्श मानते हुए उनकी नेशनल यूनियनिस्ट पार्टी 'जमींदारा पार्टी' को पुनर्जीवित किया।