मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2023
  2. विधानसभा चुनाव 2023
  3. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023
  4. BJP veteran Kirori Lal Meena trapped in triangular contest in Sawai Madhopur
Written By
Last Updated : बुधवार, 22 नवंबर 2023 (12:48 IST)

सवाई माधोपुर में त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे भाजपा के दिग्गज किरोड़ी लाल मीणा

Sawai Madhopur election
Sawai Madhopur Assembly Seat: राजस्थान विधानसभा चुनाव में रणथम्भौर अभयारण्य के पास स्थित सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण ही निर्णायक होते हैं। सभी की नजरें इस सीट पर हैं, जहां भाजपा ने राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा पर दांव लगाया है, वहीं कांग्रेस की तरफ से मौजूदा विधायक दानिश अबरार चुनाव मैदान में हैं। हालांकि भाजपा के टिकट पर जयपुर की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी ने किरोड़ी लाल मीणा को 7 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
 
मीणा समुदाय, मुसलमानों और गुर्जरों की अच्छी खासी तादाद वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की बागी नेता आशा मीणा ने मुकाबले को दिलचस्प और त्रिकोणीय बना दिया है। आशा भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं। हालांकि 2018 के चुनाव में आशा भाजपा के टिकट पर 25 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हार चुकी हैं। 
 
गुर्जर बन सकते हैं दानिश के लिए मुश्किल : इस बार अबरार को गुर्जर वोट पाने में मुश्किल हो रही है क्योंकि उन्होंने 2020 में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत में सचिन पायलट का साथ नहीं दिया था। वहीं, भाजपा उम्मीदवार भी मीणा समुदाय के वोटों के विभाजन का सामना कर रहे हैं क्योंकि समुदाय आशा के स्थानीय होने के कारण उनका समर्थन कर रहा है।
 
भाजपा ने आस-पड़ोस के निर्वाचन क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए मीणा समुदाय के दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा (72) को मैदान में उतारा है। इसके अलावा, आदिवासी समुदाय में भी उनका दबदबा है। किरोड़ी लाल मीणा को 'डॉक्टर साहब' और 'बाबा' जैसे उपनामों से जाना जाता है। वह हाल में राज्य की राजनीति के केंद्र में रहे हैं क्योंकि उनके नेतृत्व में भाजपा ने भ्रष्टाचार को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। 
 
हालांकि किरोड़ी उन्होंने दावा किया कि इसका कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि आदिवासी समुदाय मजबूती से उनके साथ खड़ा है। त्रिकोणीय मुकाबले में कांटे की टक्कर होने का अंदाजा लोगों की प्रतिक्रियाओं से लगाया जा सकता है। कई लोगों ने अभी तय नहीं किया है कि वे किसे वोट देंगे। वहीं, अपनी पसंद बताने वाले लोगों ने अपने-अपने उम्मीदवार की जीत का दावा किया।
 
किरोड़ी के वोटों में सेंध लगा सकती हैं आशा : शहर के मध्य में एक ट्रैवल एजेंसी के मालिक धरम सिंह राजावत ने कहा कि डॉ. साहब स्पष्ट रूप से विजेता होंगे। उन्होंने कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है और इससे लोगों में उत्साह है। वह मीणा समुदाय के लोगों के लिए एक मसीहा हैं। उन्होंने कहा कि आशा मीणा कुछ वोटों को विभाजित करेंगी, लेकिन किरोड़ी लाल जीत हासिल करेंगे क्योंकि ब्राह्मण समुदाय और भाजपा के पारंपरिक मतदाता उनके साथ हैं।
 
टैक्सी चालक पुखराज मीणा ने इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सांसद काफी अनुभवी हैं और उन्हें मीणा समुदाय का समर्थन प्राप्त है, जबकि आशा उनके वोटों में सेंध लगा सकती हैं, लेकिन कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं डाल पाएंगी। कई लोगों ने बताया कि आशा का इलाके में काफी दबदबा है और वह मजबूत चुनौती पेश कर रही हैं।
 
पान की दुकान चलाने वाले पवन मीणा ने कहा कि वह निश्चित रूप से काफी वोट हासिल करेंगी। यहां करीबी मुकाबला है और सभी तीन उम्मीदवारों के पास मौका है। मौजूदा कांग्रेस विधायक ने भी अच्छा काम किया है, वह भी दोबारा जीत सकते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि मुसलमान कमोबेश अबरार के पक्ष में हैं।
 
एक ऑटो रिक्शा चालक ने कहा कि दानिश ने बहुत काम किया है। मुसलमान और कई अनुसूचित जातियों के लोग भी उनका समर्थन कर रहे हैं। विकास कार्य हुए हैं। कई स्थानीय लोगों का कहना है कि मौजूदा विधायक ने विकास कार्य किए हैं, लेकिन चुनाव के दौरान जातिगत समीकरण मायने रखते हैं।
 
2 लाख 36 हजार से ज्यादा मतदाता : सवाई माधोपुर में 2,36,199 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें से 1,63,584 ने साल 2018 में हुए चुनाव में मतदान किया था। उस चुनाव में कांग्रेस के अबरार ने 85,655 वोट हासिल कर भाजपा की आशा मीणा को 25,000 से अधिक मतों से हराया था। अबरार को मुसलमानों, गुर्जरों और अन्य समुदायों से अच्छी-खासी संख्या में वोट मिले थे, जबकि मीणा समुदाय के ज्यादातर मतदाताओं ने आशा मीणा को वोट दिया था।
 
यहां राजनीतिक हलचल स्पष्ट तौर पर देखी जा सकती है और तीनों ही उम्मीदवार मजबूत दिख रहे हैं। इस सीट पर 1972 से लेकर 2018 तक हुए चुनावों में चार बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा विजेता रही है। इसके अलावा, दो बार निर्दलीय उम्मीदवारों, एक-एक बार जनता दल तथा जनता पार्टी ने जीत हासिल की। राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा और परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। (भाषा/वेबदुनिया)
 
ये भी पढ़ें
मोदी, गहलोत और वसुंधरा हैं राजस्थान विधानसभा चुनाव के प्रमुख चेहरे