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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 20 जनवरी 2025 (13:58 IST)

Kumbh mela 2025: मौनी अमावस्या कब है, क्या है इस दिन कुंभ स्नान का महत्व?

Kumbh mela 2025: मौनी अमावस्या कब है, क्या है इस दिन कुंभ स्नान का महत्व? - Mauni Amavasya 2025 Date
mauni amavasya: हिन्दू धर्म में मौनी अमावस्या एक महत्वपूर्ण पर्व माना गया है। इस दिन आध्यात्मिक साधनाएं की जाती है तथा यह दिन खासकर पितृ तर्पण तथा पितृदोष निवारण के लिए समर्पित माना गया है। इस दिन साधु-संत और धार्मिक लोग उपवास रखकर ध्यान-पुण्यकार्य करते हैं। इस संबंध में माना जाता है कि इस दिन किया गया ध्यान और तपस्या बहुत फलदायी होता है। माघ महीने में आने वाली अमावस्या को वर्षभर की सभी अमावस्या से अधिक महत्वपूर्ण माना गया है और इसे मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है।ALSO READ: कौन है महाकुंभ में आए 7 फुट के मस्कुलर बाबा, इंस्टाग्राम पर मचा रखी है धूम, जानें रूस से भारत तक की उनकी अद्भुत कहानी
 
आइए जानते हैं यहां 2025 में मौनी अमावस्या कब है और कुंभ स्नान का इस दिन क्या महत्व है: 
 
2025 में मौनी अमावस्या कब है : हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार जनवरी 2025 में मौनी अमावस्या 29 जनवरी, दिन बुधवार को मनाई जाएगी तथा यह दिन माघ मास के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि पर पड़ रहा है। 
 
मौनी अमावस्या 2025 का चौघड़िया मुहूर्त
मौनी अमावस्या बुधवार, जनवरी 29, 2025 को
 
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - जनवरी 28, 2025 को शाम 07 बजकर 35 मिनट से,
अमावस्या तिथि की समाप्ति- जनवरी 29, 2025 को सायंकाल 06 बजकर 05 मिनट पर। 
 
कुंभ स्नान का महत्व : धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या पर जो पितृ पूजन-तर्पण तथा दानादि कार्य करता है उसे जीवन में कभी भी कष्ट नहीं झेलने पड़ते और पूर्वजों के आशीर्वाद से उसका घर निरंतर फलता-फूलता है तथा उसका परिवार हमेशा प्रसन्न रहता है। इस दिन पितरों का तर्पण किया जाता है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है। मौनी अमावस्या के अवसर पर कुंभ स्नान तथा पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।ALSO READ: महाकुंभ में वायरल मॉडल हर्षा व मोनालिसा पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री, कहा अपने मकसद से भटका, रील नहीं रियल हो महाकुंभ
 
इतना ही नहीं धार्मिक शास्त्रों के अनुसार माघ मास में पवित्र नदियों में स्नान करना अतिशुभ माना जाता है और उस पर यदि महाकुंभ चल रहा हो और मौनी अमावस्या पड़ जाए तो इसका 'सोने पे सुहागा' वाली बात की तरह ही फल प्राप्त होता है। इस दिन कुंभ स्नान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है और यदि पूरे दिन मौन रखा जाए तो मानसिक समस्या दूर होकर अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। 
 
पंचांग के अनुसार इस दिन प्रयागराज महाकुंभ में तीसरा शाही स्नान संपन्न होगा तथा मौनी अमावस्या के साथ ही बना महाकुंभ का यह अद्भुत संयोग बहुत फलदायी माना जाता है। इतना ही नहीं जब भी इस समयावधि में महाकुंभ पड़ता है, तो इस दौरान मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बढ़ जाता है। इस महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या का विशेष महत्व होने के कारण इस दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए आते हैं। 
 
यदि बात करें कुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान क्यों महत्वपूर्ण है, तो आपको बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों का जल अमृत के समान हो जाता है। इस दिन स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मन शुद्ध होता है। यह अमृत स्नान माने जाने के कारण आध्यात्मिक साधना करने से जीवन बदल जाता है तथा समस्त खराब दोषों से मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं इस दिन कुंभ में पितरों का तर्पण करने से पितृदोष दूर होता है और परिवार की खुशहाली होती है। कुंभ और अमावस्या के लिहाज से इस तिथि पर कुंभ स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 
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