• Webdunia Deals
  1. कुंभ मेला
  2. प्रयागराज कुंभ मेला 2025
  3. प्रयागराज कुंभ मेला न्यूज
  4. In Prayagraj Mahakumbh devotees will get administrative services through QR code
Last Modified: प्रयागराज , रविवार, 12 जनवरी 2025 (13:07 IST)

महाकुंभ 2025 : क्यूआर कोड से अब क्लिक पर मिलेंगी श्रद्धालुओं को प्रशासनिक सेवाएं

महाकुंभ 2025 : क्यूआर कोड से अब क्लिक पर मिलेंगी श्रद्धालुओं को प्रशासनिक सेवाएं - In Prayagraj Mahakumbh devotees will get administrative services through QR code
Prayagraj Mahakumbh 2025 : महाकुंभ 2025 का 13 जनवरी को पहला स्नान है, जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। महाकुंभ के आयोजन को लेकर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई पहल की हैं। इस बार मेला क्षेत्र में सरकारी होर्डिंग्स पर 4 अलग-अलग क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिनमें से हरे रंग का कोड स्कैन करने पर श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों के नाम, संपर्क नंबर और पद आसानी से प्राप्त हो सकेंगे। इस कदम से प्रशासनिक सेवाओं की उपलब्धता और अधिक सुगम होगी, जिससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे।
महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु मेला क्षेत्र में आते हैं, जहां उन्हें कई प्रकार की प्रशासनिक सेवाओं की आवश्यकता होती है। पहले के मुकाबले अब तकरीबन सभी जानकारी फोन पर प्राप्त की जा सकती है, जिससे समय और ऊर्जा की बचत होगी। हरे रंग के क्यूआर कोड को स्कैन करते ही श्रद्धालुओं के पास मेला क्षेत्र के विभिन्न अधिकारियों का संपर्क विवरण पहुंच जाएगा, जिनमें जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और अन्य प्रशासनिक कर्मचारी शामिल होंगे। यह कदम श्रद्धालुओं को आपातकालीन स्थितियों में मदद प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।
इस सुविधा का लाभ मुख्य रूप से उन श्रद्धालुओं को मिलेगा, जो पहली बार महाकुंभ में आ रहे हैं या जिन्हें मेला क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और प्रशासनिक सेवाओं के बारे में जानकारी नहीं है। इसके अलावा, यह कदम मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ करेगा, क्योंकि अधिकारियों तक तुरंत पहुंचने के लिए श्रद्धालु अपने फोन का उपयोग कर सकेंगे।
महाकुंभ मेला अधिकारी का कहना है कि यह पहल डिजिटल इंडिया के तहत की जा रही है, जिससे तकनीकी माध्यमों के जरिए लोगों की समस्याओं का समाधान जल्दी और सटीक तरीके से किया जा सके। इसके अलावा, इस व्यवस्था से मेला क्षेत्र में अधिकारियों और श्रद्धालुओं के बीच संवाद का स्तर भी बढ़ेगा, जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने में मदद मिलेगी।