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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 8 जनवरी 2025 (15:08 IST)

prayagraj kumbh mela 2025: 16 नहीं 17 श्रृंगार करते हैं नागा साधु, जानिए लिस्ट

prayagraj kumbh mela 2025: 16 नहीं 17 श्रृंगार करते हैं नागा साधु, जानिए लिस्ट - naga sadhu shringar list 2025
2025 Prayagraj maha kumbh naga sadhu : नागा साधु के बारे में जैसा कि हम सभी जानते हैं वे पूरी तरह से सांसारिक मोह और माया से मुक्त एक साधु होते हैं, जो केवल भगवान भोलेनाथ की आराधना में लिप्त रहते हैं। वे एक तपस्वी जीवन जीते है तथा निर्वस्त्र रहते हैं। संसार की सभी चीजों का त्याग कर देने के कारण उनका जीवन त्याग, शुद्धता और साधना की मिसाल माना जाता है। इस बार प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है और इसमें खासकर नागा साधु आपको गंगा में स्नान करते हुए नजर आएंगे।ALSO READ: प्रयागराज कुंभ मेला 1977: इतिहास और विशेषताएं
 
नागा का शाब्दिक अर्थ जानें तो उसे 'खाली', कहा जा सकता है, जो कि एक ऐसे साधु जिनके पास गहरी आध्यात्मिक शक्ति के अलावा कुछ भी नहीं होता है। लेकिन आपको बता दें कि नागा साधु के पास वैसे तो कुछ भी नहीं होता है, लेकिन उनके पास 17 श्रृंगार की सामग्री अवश्य ही होती हैं।

आज का हमारा लेख भी इसी बात पर आधारित हैं, जिसमें आप जानेंगे उनके सत्रह श्रृंगार के बारे में...ALSO READ: महाकुंभ प्रयागराज 2025: विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, 13 अखाड़ों के शाही स्नान का अद्भुत दृश्य
 
Highlights
  • नागा बाबा किसकी पूजा करते हैं?
  • नागा बाबाओं के 17 श्रृंगार जानें।
  • नागा साधु के श्रृंगार जानें? 
मोह माया से दूर, फिर भी करते हैं 17 श्रृंगार, जानें लिस्ट
 
1. लंगोट- नागा बाबाओं की लंगोट भी अलग तरह की होती है। अक्सर जंजीर से बंधा चांदी का टोप होता है।
 
2. भभूत- पूरे शरीर पर कई तरह की भभूति या विभूति का लेप लगाते हैं।
 
3. चंदन- बाजू और माथे पर चंदन का लेप लगाते हैं। 
 
4. रुद्राक्ष की माला- गले के अलावा बाहों पर रुद्राक्ष की मालाएं पहनते हैं। 
 
5. अंगूठी- हाथों में कई प्रकार की अंगुठियां पहनते हैं।
 
6. पंच केश- जिसमें लटों को 5 बार घूमा कर लपेटा जाता है, जो पंच तत्व की निशानी मानी जाती है।
 
7. कड़ा- हाथों में कड़ा पीतल, तांबें, सोने या चांदी के अलावा लोहे का भी हो सकता है।
 
8. रोली का लेप- माथे पर रोली का लेप लगाते हैं।
 
9. कुंडल- कानों में चांदी या सोने के बड़े-बड़े कुंडल धारण करते हैं।
 
10. चिमटा- हाथों में चिमटा होना भी उनके श्रृंगार का एक हिस्सा ही है।
 
11. डमरू- हाथों में डमरू भी श्रृंगार में ही शामिल होता है। 
 
12. कमंडल- उनके हाथों में कमंडल होता है, जो कि वो भी श्रृंगार का एक हिस्सा ही है। 
 
13. जटाएं- नागा साधु गुथी हुई जटाओं को विशेष प्रकार से संवारते हैं।
 
14. तिलक- शैव और वैष्णव तिलक वे प्रमुखता से लगाते हैं, इसके अलावा भी कई प्रकार के तिलक वे लगाते हैं। 
 
15. काजल- साधु खासकर आंखों में सुरमा लगाते है, साथ ही काजल भी लगाते हैं। 
 
16. ड्डूलों की माला- नागा साधुओं के कमर में ड्डूलों की माला पहनी देखी जा सकती हैं, वो भी उनके श्रृंगार का एक हिस्सा ही है।
 
17. कड़ा/ ड्डिर- साधु अपने पैरों में लोहे या चांदी का कड़ा पहनते है।ALSO READ: प्रयागराज में 3000 वर्षों से कुंभ मेले का हो रहा है आयोजन
 
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