कुछ प्राणायाम ऐसे है जो सर्दी में गर्मी और गर्मी में ठंडक पहुंचाते हैं। शीतली प्राणायाम से गर्मी के मौसम से निजात पाई जा सकती है। इसके अलावा यह मन की शांति और शारीरिक शीतलता प्रदान करता है। शीतली प्रणायाम छायादार वृक्ष की तरह है जो भरपूर ऑक्सिजन का निर्माण करते हैं।
इसके बाद जीभ अंदर करके सांस को धीरे-धीरे नाक के द्वारा बाहर निकालें। इस प्राणायाम का अभ्यास दस बार कर सकते हैं। प्राणायाम का अभ्यास होने के बाद गर्मी के मौसम में इसकी अवधि आवश्यकता अनुसार बढ़ा सकते हैं।
सावधानी : शीतली प्राणायाम के समय सांस लयबद्ध और गहरी होना चाहिए। प्राणायाम के अभ्यास के बाद शवासन में कुछ देर विश्राम करें। जहां तक संभव हो सूर्योदय या सूर्यास्त के समय ही यह प्रणायम करें। तेज धूप में यह प्रणायाम न करें। धूल भरे वातावरण में भी प्राणायाम नहीं करना चाहिए।